परमिट न मिलने से बसों के थमे पहिये, यात्रियों को हों रही समस्या, कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
*बस मालिक परेशान, यात्री अन्य व महंगे साधनों को ले रहे हैं सहारा*
उमरिया
अस्थाई परमिट पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सख्त फैंसलों के बाद जिले मे बसों के पहिये थम गये हैं। नई परिस्थितियों मे जहां बस ऑपरेटर भारी परेशान हैं, वहीं यात्रियों के लिये भी बड़ी समस्या निर्मित हो गई है। बताया गया है कि बीते कई वर्षो से पूरे प्रदेश मे चलने वाली अधिकांश बसें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा जारी अस्थाई परमिट पर संचालित हो रही थी, परंतु इस संबंध मे उच्चतम न्यायालय द्वारा 4 अक्टूबर 24 एवं मप्र उच्च न्यायालय द्वारा 28 नवंबर 24 को कड़ी टिप्पणी करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी गई। जिसके बाद सभी जिलों मे आरटीओ ने अस्थाई परमिट व्यवस्था रोक दी। नतीजतन नये साल के पहले दिन से उमरिया तथा विभिन्न शहरों, क्षेत्रों और अन्य जिलों के बीच संचालित बस सेवाएं ठप्प हो गई है।
*उप आयुक्त न होने से बढ़ी दिक्कत*
जानकारों का मानना है कि न्यायालय के आदेश की वजह से मामला ज्यादा पेचीदा हो गया है। हलांकि बस ऑपरेटर स्थाई परमिट लेकर बसें चला सकते हैंं। जोकि संभागीय मुख्यालय मे पदस्थ डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर द्वारा की जाती है, परंतु विगत दो वर्षाे से यह पद खाली पड़ा है। बिना अधिकारी आये स्थानीय परमिट मिलना भी संभव नहीं है। ऑपरेटरों ने बताया कि जब तक परमिट नहीं मिलती, बसें चलाना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति मे उन्हे स्टाफ के वेतन तथा अन्य खर्च का भुगतान जेब से करना होगा। कुल मिला कर पहले से ही टूट चुके बस व्यवसाय के लिये चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।
*अब ट्रक-टेक्सियों का सहारा*
बसें बंद होने का असर जिले भर की यात्री सेवाओं पर पड़ा है। लोगों को आवागमन मे काफी दिक्कतें आ रही हैं। कल गुरूवार को भी बसें नहीं चलीं। जिस कारण जिला मुख्यालय के लगभग हर बायपास और चौराहे पर यात्रियो की भीड़ दिखाई दी। परेशान लोग ट्रकों और टेक्सियों मे जाने की जद्दोजहद मे जुटे रहे। ऐसे मे सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओंं और बुजुर्गो को हो रही है। गौरतलब है कि ट्रेनो के सीमित विकल्प के कारण जिले की बड़ी आबादी बसों पर आश्रित है। केवल सफर ही नहीं लोग खरीददारी और दूध, फल, सब्जी, अनाज आदि बेंचने के लिये बसों मे अपना सामान लेकर एक स्थान से दूसरी जगह आते-जाते हैं। इसके अलावा नौकरीपेशा नागरिक तथा स्कूली छात्र भी इसी साधन का इस्तेमाल करते हैं।
*बस ऑपरेटर्स ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन*
इस बीच जिले के बस ऑपरेटर्स ने गत दिवस कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन से मुलाकात कर उन्हे एक ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर कलेक्टर को बताया गया कि वर्षो से चल रही व्यवस्था अचानक बंद हो जाने से बस कारोबार से जुड़े हजारो लोगों के सामने जीवन-यापन की स्थिति निर्मित हो गई है। वहीं यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले मे माननीय न्यायालय के आदेश का पालन कराते हुए यात्री सेवाओं की बहाली के लिये जरूरी है कि बसों को स्थाई परमिट तत्काल जारी हो। जब तक ऐसा नहीं हो पा रहा है, तब तक के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाय।