तुलरा मे बिरासनी देवी के दर्शन करने पहुंचे दो हाथी,जालेश्वर मंदिर के पास चार दिनों से बाघिन ने डाला डेरा

तुलरा मे बिरासनी देवी के दर्शन करने पहुंचे दो हाथी,जालेश्वर मंदिर के पास चार दिनों से बाघिन ने डाला डेरा

*गस्ती में लगा वाहन गिरा खाई मे*


अनूपपुर

नगमला से तुलरा तक का 15 कि,मी,के लगभग का रास्ता तय करते हुए मंगलवार की सुबह दोनों हाथी बेनीबारी के समीप तुलना में स्थित बिरासिनी देवी मंदिर के समीप जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं, वही विगत चार दिनों से बाघिन अमरकंटक क्षेत्र के जालेश्वर में मंदिर के समीप निरंतर डेरा जमाए हुए हैं, दोनों स्थानों पर वन्यप्राणियों के निरंतर विचरण पर वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी निरंतर निगरानी बनाए रखते हुए आम जनों को सतर्क एवं सावधानी बरतने की अपील की है।

सोमवार की रात के दिन दोनों प्रवासी हाथी 28 वें दिन वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम,थाना करनपठार एवं तहसील पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत नगमला के समीप जोहिला नदी के किनारे जंगल में दिन बीतने बाद देर शाम को नगमला से निकलते हुए नगमला,श्यामदुआरी से करनपठार के बेलाटोला से भलवारे होते हुए मंगलवार की सुबह लहरपुर से ग्राम पंचायत तुलरा के जंगल जहां माता बिरासनी देवी का मंदिर के समीप जंगल में पहुंचकर मंगलवार को 29 वें दिन विश्राम कर रहे हैं, रात भर हाथियों के द्वारा दो ग्रामीण हीरालाल पिता मनधन बेगा, ददराटोला, माखन बैगा, ददराटोला करनपठार के घर में तोड़फोड़ कर फूल सिंह पिता विक्रम सिंह, नगमला,मंगल दास नि,नगमला,दलवीर पिता सम्हारु सिंह,नि,श्यामदुआरी,देवलाल पता सम्भर बेगा नि,ददराटोला,गोपाल पिता छोटू अगरिया नि,ददराटोला के खेत तथा बांडियो में लगे विभिन्न प्रकार के अनाजों को अपना आहार बनाया है इस दौरान हाथी गस्ती में लगा वन परिक्षेत्र जैतहरी का एक वाहन नगमला के घाटी में देर रात अनियंत्रित होकर होकर घाट लगभग 15 फीट नीचे घाट के खाई में गिरकर एक पेड़ में जाकर अटक गया जिसे देखते ड्राइवर ने कूद कर अपनी जान बचाई, इस वाहन में सवार वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी पैदल ही हाथी ग्रस्त कर हाथियों पर निगरानी रखे हुए रहे हैं मंगलवार की शाम दोनों हाथी किस इलाके में जाकर विचरण करेंगे यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा दोनों हाथी अनूपपुर जिले के सीमा से लगे डिंडोरी जिले की सीमा से लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर वर्तमान समय वितरण कर रहे हैं वही विगत चार दिनों से एक कॉलर आईडी वाली बाघिन वन परिक्षेत्र अमरकंटक के उमरगोहान बीट अंतर्गत जालेश्वर मंदिर के समीप जंगल में पहुंचकर एक गाय का शिकार करने बाद निरंतर विचरण कर रही है, जो रात होते ही सीमा पर स्थित छत्तीसगढ़ के गौरेला वन परिक्षेत्र की सीमा के जंगल में प्रवेश कर वितरण करते हुए पुन वापस आ जाती है, दोनों वन्यप्राणियों के निरंतर विचरण के कारण आम जनों में डर एवं भय का वातावरण बना हुआ है, वही दोनों स्थानों पर विचरण कर रहे वन्यप्राणियों पर वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी निरंतर निगरानी करते हुए आम जनों को सतर्क एवं सावधान रहने की अपील मुनादी एवं अन्य माध्यमों से कर रहे हैं।

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