396 अरब वर्षों के बाद, 25 की रात्रि को दिखेगा शानदार खगोलीय संरेखण व ग्रहीय परेड़

396 अरब वर्षों के बाद, 25 की रात्रि को दिखेगा शानदार खगोलीय संरेखण व ग्रहीय परेड़

*खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक शानदार खगोलीय घटनाओं का रोमांच चल रहा है*


*सुशी सक्सेना इंदौर*

यदि आप खगोल प्रेमी हैं और खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं, तब इसमें रुचि रखने वालों के लिए यह महीना कुछ ख़ास संयोजन लेकर आया है, वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (तारामण्डल) गोरखपुर के खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस माह जनवरी 2025 के दौरान घटित हो रहा है ग्रहीय संरेखण, जिसमें आप एक साथ छह ग्रहों को देख सकते हैं, जिसे खगोल विज्ञान की भाषा में ग्रहीय संरेखण कहा जाता है , सामान्य भाषा में इसे ग्रहीय परेड भी कहा जाता है।

क्या होता है ग्रहीय संरेखण खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि जब रात्रि के दौरान आकाश में कुछ ग्रह एक साथ नज़र आते हैं तो इसे ग्रहीय संरेखण कहा जाता है जिस दौरान तीन या चार ग्रह दिखाई देते हैं तो उसे लघु संरेखण कहा जाता है जब चार से छह ग्रह एक साथ दिखाई देते हैं तो इसे बृहद संरेखण कहा जाता है और यदि इस ज्यादा या सौर मण्डल के सभी ग्रह एक साथ दिखाई देते हैं तो इसे बृहत्तर संरेखण कहा जाता है जो कि 396 अरब वर्षों में सिर्फ़ एक बार ही घटित होता है, यह एक बहुत ही दुर्लभतम  खगोलीय और बड़ा संरेखण होता है।

कब और कितने ग्रह दिखाई देंगे इस बार के ग्रहीय संरेखण/ प्लैनेट परेड में_खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि 25 जनवरी को होने वाले ग्रहीय संरेखण में आप छह ग्रहों को देख सकते हैं, जिनके नाम निम्नानुसार हैं शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, और अरुण ब बरुण ग्रह, इनमें से चार ग्रहों को  बड़ी आसानी से अपनी साधारण आंखों से ही देख सकते हैं 1 _शुक्र ग्रह, 2_मंगल ग्रह, 3_ बृहस्पति ग्रह, 4_ शनि ग्रह, जिनको आप अपने अपने घरों से ही बिना किसी ख़ास उपकरण की सहायता से ही देख सकते हैं, और आप सूर्यास्त के लगभग 45 मिनट्स बाद या शाम को लगभग 07 बजकर 30 मिनिट्स से ही शुक्र और शनि ग्रह को दक्षिण पश्चिम दिशा में देख सकते हैं और कई स्थानों से तो शुक्र ग्रह और शनि ग्रह को रात्रि 12 बजे तक भी देखा जा सकता है, बृहस्पति ग्रह को दक्षिण पूर्व दिशा में और मंगल ग्रह को आप पूर्व दिशा में देख सकते हैं, यह संरेखण तीन घंटे तक अच्छे से देखा जा सकता है जब तक कि शुक्र ग्रह और शनि ग्रह अस्त नहीं हो जाएंगे।

खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो यह खगोलीय संरेखण 21 जनवरी 2025 से ही दिखना शुरू हो गया है, लेकिन 25 जनवरी 2025 को अपने महत्तम पर है, और 31 जनवरी 2025 तक अच्छे तरीके से देखा जा सकता है, और साथ ही यह संरेखण कुछ ग्रहों का आगे पीछे होकर 13 फ़रवरी 2025 तक भी देखा जा सकता है, लेकिन इस के लिए एक शर्त है कि मौसम स्वच्छ ब साफ़ और आकाश में भी ज़्यादा प्रकाश प्रदूषण नहीं होना चाहिए, और किसी साफ़ अंधेरे वाले स्थान पर सावधानी पूर्वक जाकर आसानी से ही देख सकते हैं, लेकिन यदि आप , अरूण ग्रह और वरुण ग्रह को भी देखना चाहते हैं तो वरुण ग्रह , शुक्र ग्रह और शनि ग्रह के ठीक ऊपर दिखाई देगा, और अरुण ग्रह , बृहस्पति ग्रह के ऊपर दिखाई देता हुआ नज़र आयेगा, लेकिन बुद्ध ग्रह इस खगोलीय संरेखण के दौरान दिखाई नहीं देगा, अरुण व वरुण ग्रहों को देखने के लिए आपको किसी ख़ास दूरबीन या बाईनाकुलर्स से ही देखना होगा, जिनमें से इतने ग्रह एक साथ कम ही दिखाई देते हैं जो कि प्रत्येक वर्ष भी नहीं दिखाई देते हैं।

क्या होता है प्लैनेट परेड खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस खगोलीय घटना को वैसे तो प्लैनेटरी एलाइनमेंट या ग्रहीय संरेखण कहा जाता है जब सौर मण्डल के कई ग्रह एक साथ दिखाई देते हैं, लेकिन वास्तविक तौर से ग्रह किसी सीधी रेखा में न होकर एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में सूर्य का परिभ्रमण करते हुए एक तरफ़ होते हुए एलिप्टिकल प्लेन (दीर्घ वृत्तीय प्लेन) के निकट होते हैं , जो कि आकाश में यह एक रेखा में दिखाई देते हैं, लेकिन यह एक रेखा में होते नहीं हैं, इसे ग्रहीय संरेखण और प्लैनेट परेड भी कहा जाता है।

अमर पाल सिंह,  खगोलविद, वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (तारामण्डल) गोरखपुर उत्तर प्रदेश भारत।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget