अकरम इंडेन गैस एजेंसी सुरक्षा व उपभोक्ता अधिकारों का खुला उल्लंघन, लोगो में आक्रोश
*उपभोक्ताओं से अधिक वसूली व सिलेंडर में गैस की कम*
अनूपपुर
जिले के कोतमा स्थित अकरम इंडेन गैस एजेंसी के रिफिलिंग सेंटर और गोदाम की स्थिति पर स्थानीय निवासियों और ग्राहकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। रिहायशी इलाके में स्थित यह गोदाम न केवल सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है
*सुरक्षा मानकों का उल्लंघन, खतरे की घंटी*
गैस सिलेंडरों की रिफिलिंग और भंडारण के लिए रिहायशी क्षेत्र में स्थित यह गोदाम संभावित दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। हाल ही में मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट ने सुरक्षा मानकों की गंभीरता को उजागर किया था। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी, और यह दिखाता है कि रिहायशी इलाकों में ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण खतरनाक साबित हो सकता है। कोतमा में अकरम इंडेन गैस एजेंसी के रिफिलिंग सेंटर की स्थिति भी उसी दिशा में एक और खतरे को दर्शाती है।
*उपभोक्ताओं से अधिक वसूली व गैस की कम*
ग्राहकों का आरोप है कि गैस सिलेंडर सील बंद होने के बावजूद उनमें गैस की मात्रा निर्धारित सीमा से कम पाई जाती है। हर सिलेंडर में औसतन 1 से 1.5 किलो गैस कम पाया जा रहा है, जो उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक नुकसान और असुविधा का कारण बन रहा है। इसके अलावा, एजेंसी द्वारा निर्धारित दर से अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें भी सामने आई हैं, जो उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।
*प्रशासन की अनदेखी*
ग्राहकों और निवासियों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन की उदासीनता ने सुरक्षा के गंभीर खतरे को बढ़ा दिया है लोग डरते हैं कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह लापरवाही बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है
*निवासियों की मांग*
स्थानीय निवासियों और उपभोक्ताओं ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द इस मामले की जांच करें और गैस एजेंसी की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखें। गोदाम को रिहायशी क्षेत्र से स्थानांतरित करने, गैस की उचित मात्रा सुनिश्चित करने और सुरक्षा मानकों का पालन करने की मांग की गई है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या ठोस कार्रवाई करता है। स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना अब प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।