राष्ट्रीय शोक दिवस पर रेंजर का अनुभूति कार्यक्रम करके पूर्व प्रधानमंत्री का किया अपमान
*भाजपा का दोहरा चरित्र जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी कार्यक्रम में हुए शामिल*
अनूपपुर
गुरुवार की शाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का निधन हो गया इसके बाद पूरे राष्ट्र में शोक की लहर दौड़ गई और कैबिनेट ने राष्ट्रीय शोक दिवस 7 दिन के लिए घोषित कर दिया, लेकिन मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में राष्ट्रीय शोक दिवस और कैबिनेट के फैसले का उल्लंघन करते हुए सत्ता पक्ष को आड़ में लेकर वन विभाग अनूपपुर द्वारा अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राजनीतिक लोगों को बुलाकर उनका स्वागत सत्कार और भाषण और कुर्सी दौड़ जैसे खेलों का आयोजन किया गया, जो की साफ तौर पर कैबिनेट के द्वारा दिए गए आदेश और शोक दिवस का खुले आम उल्लंघन है। कार्यक्रम की जानकारी लगने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता पक्ष पर दिखावा करने का आरोप लगाया है। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि कैबिनेट में दिखावे का 7 दिन शोक दिवस घोषित किया गया है लेकिन अंदर ही अंदर कार्यक्रम कर पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि ना देकर उनका अपमान किया जा रहा है जोकी बेहद निदनीय है, अनूपपुर जिले का कोतमा वन परिक्षेत्र में हुए अनुभूति कार्यक्रम इसका उदाहरण है कि सत्ता पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक की जगह कार्यक्रम और मनोरंजन में व्यस्त है।
*डीएफओ का संरक्षण, नहीं हुई कार्यवाही*
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया था जिसमें देश भर में किसी प्रकार के शासकीय और राजनीतिक कार्यक्रमों नहीं किए जाने थे, लेकिन अनूपपुर जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत शिवलहरा धाम में वन विभाग कोतमा द्वारा राष्ट्रीय शोक दिवस के अवसर पर अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी जानकारी समाचार पत्रों और पत्रकारों द्वारा अनूपपुर के डीएफओ को दी गई जिस पर 24 घंटे बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, वही कोतमा रेंजर को डीएफओ का पूरा संरक्षण प्राप्त है, कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत लगातार पेड़ों की कटाई और जंगल की जमीन पर हो रहे कब्जे पर डीएफओ की चुप्पी से वैसे ही रेंजर पर संरक्षण का तमगा लगा हुआ है।
*रेंजर का गैर जिम्मेदाराना कार्य*
कोतमा वन परिक्षेत्र के रेंजर द्वारा राष्ट्रीय शोक के अवसर पर अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन गैर जिम्मेदाराना कार्य ही है और उसके बाद जानकारी का अभाव होना बताना गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है, कार्यक्रम के संबंध में जब अनूपपुर डीएफओ और कोतमा रेंजर से जानने का प्रयास किया तो अनूपपुर डीएफओ ने कोतमा रेंजर को शोक दिवस की जानकारी न होने की बात कह कर गैर जिम्मेदाराना बयान दिया, अधिकारी पर कार्यवाही करने के बजाय अपने रेंजर को बचाते हुए डीएफओ ने जानकारी देने वाले से ही आवेदन की मांग कर ली, कुल मिलाकर राष्ट्रीय शोक पर केंद्र राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना की गई, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने के बजाय शोक दिवस पर खेल और भाषण का आयोजन कर गरिमा पर सवाल उठा दिए।
*श्रद्धांजलि सरकार का सिर्फ दिखावा*
कोतमा विधानसभा के पूर्व विधायक सुनील सराफ ने प्रशासन और भाजपा पर आरोप लगाए हैं कि एक ओर कैबिनेट में शोक दिवस के प्रस्ताव पर मोहर लगाई जाती है तो दूसरी ओर सत्ता और शासन चोरी छुपे कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण अनूपपुर जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र में किया गया अनुभूति कार्यक्रम है, जो की शासकीय शोक दिवस घोषित होने पर भी शासकीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि और मंडल कमंडल श्रद्धांजलि के जगह भाषण और आयोजित किए गए कुर्सी दौड़ जैसे खेल में शामिल होकर पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान किया है जो कि भारतीय जनता पार्टी के चरित्र को दर्शाता है, सत्ता और शासन पाने के बाद शोक संवेदना भी उनके दिल और दिमाग से चली गई है, कोतमा रेंजर द्वारा किए गए कार्यक्रम की हम अवहेलना करते हैं और कड़ी से कड़ी कार्यवाही रेंजर के ऊपर की जानी चाहिए।
*भाजपा का दोहरा चरित्र ही भाजपा*
गुड्डू चौहान ने कहा कि एक ओर भाजपा के बड़े नेता पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने का दिखावा कर रहे हैं तो दूसरी और उनके शासन और सत्ता द्वारा ही राष्ट्रीय शोक दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देने की जगह उनका अपमान कर रही है यही भारतीय जनता पार्टी का दोहरा चाल और चरित्र है। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि और उनकी पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ता मौजूद थे जिनके द्वारा भाषण देना और खेलों के आयोजनों में शामिल होना उनकी मरी हुई संवेदना का प्रतीक है, श्रद्धांजलि और संवेदना व्यक्त करने के जगह कार्यक्रमों का आयोजन भारतीय जनता पार्टी के चरित्र का प्रमाण है जो की दोहरापन दिखाते हुए सदैव जनता को छलने का कार्य करती है, कोतमा वन विभाग द्वारा किए गए कार्यक्रम की हम निंदा करते हैं और कोतमा रेंजर के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हैं।
*इनका कहना है*
राष्ट्रीय शोक दिवस पर कार्यक्रम करना बेहद गलत है इस पर हम स्पष्टीकरण मांग कर उचित कार्यवाही करेंगे।
*अजय कुमार पाण्डेय, वन संरक्षक,वन वृत्त शहडोल*