आंदोलन के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय
अनूपपुर
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (आईजीएनटीयू) में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप था कि प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया में अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाया। छात्र संगठनों ने इन आरोपों के विरोध में विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया। दो दिनों से चल रहे इस आंदोलन के बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया।
*छात्र संगठनों का आरोप और आंदोलन*
आदिवासी छात्र संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रोहित मरावी ने कहा कि प्रशासन ने शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों की भर्ती के लिए ऐसी कंपनियों को टेंडर दिया जो कुलपति के करीबी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह नहीं बताया कि किन-किन कंपनियों को भर्ती प्रक्रिया के लिए चुना गया। इसके अलावा, प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और रायपुर में ही परीक्षा केंद्र बनाए और इन केंद्रों पर नियुक्त अधिकारियों के करीबी लोगों ने ही परीक्षा दी। डॉ. मरावी ने यह भी कहा कि नियमों के अनुसार, जिन अधिकारियों की ड्यूटी परीक्षा केंद्रों पर होती है, उनके करीबी इन केंद्रों पर परीक्षा नहीं दे सकते। लेकिन इन नियमों का पालन नहीं किया गया। भर्ती प्रक्रिया में लगे आरोपों और छात्रों के आंदोलन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों की भर्ती प्रक्रिया को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया।