बांधवगढ़ में गश्ती दल को मिला मृत बाघिन का शव, वन विभाग जुटा जांच में
*आपसी संघर्ष से मौत की आशंका, किया गया अंतिम संस्कार*
उमरिया
जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से काला साया हटने का नाम नही ले रहा है, कहीं हाथियों की मौत तो कहीं तेंदुए की मौत और अब बाघिन की मौत।
टाइगर रिजर्व के कोर जोन अंतर्गत कल्लवाह रेंज के कक्ष क्रमांक आर एफ 230 में सुबह गश्ती के दौरान एक बाघिन मृत अवस्था मे गश्ती दल को नजर आई तो बस फिर क्या था, सभी अधिकारियों को सूचना दी गई और आनन फानन में सारा टाइगर रिजर्व का अमला मौके पर पहुंच कर पता लगाने में जुट गया। डॉक्टरों की टीम भी आई पोस्टमार्टम कर बिसरा प्रिजर्व किया गया, और उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में देर शाम बाघिन का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
इस मामले में कल्लवाह रेंजर राहुल किरार ने बताया कि सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच गश्ती दल ने सूचना दिया कि एक बाघिन मरी हुई पड़ी है तो हमने तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचना दिया और घटना स्थल की ओर रवाना हो गए। वहां पहुंचने पर देखे की कक्ष क्रमांक आर एफ 230 बीट पूर्व मैनवाह के बूढाताल हार में लगभग 4 से 5 वर्ष उम्र की बाघिन मृत अवस्था में पड़ी है, चारो तरफ सर्चिग करवाई गई तो वहां दूसरे बाघ की उपस्थिति के निशान मिले हैं, उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम करवाया गया, सारे आर्गन मौजूद रहे, जिससे प्रथम दृष्टया लग रहा है कि बाघिन की मौत आपसी संघर्ष के कारण हुई है, अधिक जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकती है वहीं मैटल डिटेक्टर और डॉग स्क्वायड की मदद से पूरे एरिया का सर्च करवाया जा रहा है, वहीं उस क्षेत्र में किसी भी इंसान की मजूदगी के चिन्ह नही मिले हैं साथ ही पीओआर काट कर जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले बाघ के गले में फंदा लगा नजर आया जिसके पीछे 5 दिन पूरा पार्क प्रबंधन परेशान हुए तब कहीं जाकर रेस्क्यू कर सका अभी वो मामला ठंडा भी नही हुआ और बाघिन की मौत हो गई। कहीं ऐसा तो नही कि कोई शिकारी गिरोह सक्रिय हो और वन्य जीवों का शिकार कर ले जाने में सफल नही हो पा रहा है। हालांकि यह सघनता पूर्वक जांच में ही सामने आ पायेगा। बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पार्क प्रबंधन जांच में जुटा