अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के 'नियमन रिपोर्ट्स' में अंकित की साहसिक पत्रकारिता पर लेख प्रकाशित

अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के 'नियमन रिपोर्ट्स' में अंकित की साहसिक पत्रकारिता पर लेख प्रकाशित

*हार्वर्ड ने किया अंकित पचौरी की मानवीय पत्रकारिता को सलाम*


भोपाल

मध्यप्रदेश के पत्रकार अंकित पचौरी ने अपनी साहसिक पत्रकारिता से न केवल समाज को जागरूक किया है, बल्कि अब उनकी आवाज़ अंतरराष्ट्रीय मंचों तक गूंज रही है। अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता प्रकाशन ‘नियमन रिपोर्ट्स’ में उनकी प्रेरणादायक और संघर्षशील पत्रकारिता को स्थान दिया गया है। इस लेख ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ‘नियमन रिपोर्ट्स’ ने अपने लेख में अंकित पचौरी की उन रिपोर्टों को प्रमुखता से शामिल किया है, जिनमें उन्होंने वंचित और हाशिए पर खड़े समुदायों की समस्याओं को न केवल उजागर किया बल्कि समाधान की दिशा में भी कदम बढ़ाए। रिपोर्ट में विशेष रूप से उस घटना का उल्लेख है जब अंकित ने मध्यप्रदेश की एक दलित महिला और उसकी लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मी बच्ची के शिक्षा के अधिकार के लिए अभियान चलाया। यह मुद्दा पहले मुख्यधारा की मीडिया में नजरअंदाज कर दिया गया था, लेकिन अंकित की रिपोर्टिंग ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया।

*सामाजिक न्याय के लिए समर्पित पत्रकारिता*

पिछले एक दशक से अंकित पचौरी ‘द मूकनायक’ जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से दलितों, आदिवासियों और अन्य उपेक्षित समुदायों की आवाज़ को बुलंद कर रहे हैं। उनकी रिपोर्टिंग ने न केवल इन समुदायों के अधिकारों को राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बनाया है, बल्कि सरकार और प्रशासन को भी इनके मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने डिजिटल मीडिया को एक ऐसा माध्यम बनाया है, जिसके जरिए वे सामाजिक न्याय के लिए एक मजबूत आवाज़ बन चुके हैं।

*‘नियमन रिपोर्ट्स’ का विशेष उल्लेख*

‘नियमन रिपोर्ट्स’ ने लिखा है कि अंकित की पत्रकारिता एक ऐसा उदाहरण है, जो दिखाती है कि साहस, दृढ़ता और मानवीय संवेदनाएं किस तरह पत्रकारिता को समाज के लिए बदलाव का जरिया बना सकती हैं। लेख में उनके पिछले तीन वर्षों की उन रिपोर्टों का उल्लेख किया गया है, जिनमें उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक असमानता और जातिगत अन्याय जैसे मुद्दों पर गहराई से काम किया।

*अंकित का योगदान और प्रेरणा*

हार्वर्ड के इस लेख में यह भी बताया गया है कि अंकित ने किस तरह डिजिटल मीडिया को सशक्त हथियार बनाकर समाज के कमजोर वर्गों की आवाज़ को मुख्यधारा में लाने का काम किया। उनकी कहानियां न केवल उन वर्गों के संघर्ष को उजागर करती हैं, बल्कि उन्हें सशक्त करने का मार्ग भी दिखाती हैं।

*अंतरराष्ट्रीय पहचान से प्रदेश का मान बढ़ा*

मध्यप्रदेश के एक छोटे से शहर से निकलकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने वाले अंकित पचौरी का नाम आज हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा बन चुका है, जो पत्रकारिता के माध्यम से समाज में बदलाव लाने का सपना देखता है। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि सही दृष्टिकोण और अथक परिश्रम से सीमाएं तोड़ी जा सकती हैं।

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