प्रयोगशाला भवन में प्राचार्य से मजदूरी व सामग्री की राशि दिलाए जाने हेतु हुई शिकायत
*12 मजदूरों ने किया था कार्य, जनसुनवाई में कलेक्टर से लगाई गुहार*
अनूपपुर
जनसुनवाई में प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठोड़ीपानी में बनाए जा रहे प्रयोगशाला भवन में राजेश प्रसाद राठौर द्वारा ईंट प्रदाय किया गया एवं 12 श्रमिकों द्वारा निर्माण कार्य में श्रम कार्य किया गया जिसकी राशि भुगतान नहीं किए जाने पर कार्यालय कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान उपस्थित होकर प्रार्थी जनों ने कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
*यह है पूरा मामला*
जिला पंचायत द्वारा खनिज प्रतिष्ठान निधि से सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठोड़ी पानी में लगभग लागत 15 लाख रुपए से प्रयोगशाला भवन का निर्माण संबंधित विद्यालय के प्राचार्य निर्माण एजेंसी के द्वारा कार्य किया गया है। जिसमें राजेश प्रसाद राठौर निवासी ग्राम गोबरी जिला अनूपपुर के द्वारा कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में लिखित शिकायत दर्ज कराई है कि मेरे द्वारा प्राचार्य की डिमांड पर 20 हजार ईंट प्रदाय किया गया है जिसकी लागत राशि 60,000/- रुपए होती है जो मुझे आज दिनांक तक नहीं मिला है। साथ ही उक्त प्रयोगशाला भवन में ही 12 मजदूर नाम क्रमशः भोला सिंह, खुमान सिंह, जितेंद्र सिंह, मूलचंद, कामता, मानसिंह, रामचरण, रामचंद्र, कमलेश, मुकेश, सुखराम एवं फूलचंद निवासी ग्राम दुधमनिया और गोरेला जिला अनूपपुर के द्वारा स्व हस्ताक्षर कर लिखित शिकायत कलेक्ट्रेट कार्यालय जनसुनवाई में प्रस्तुत करते हुए सभी का 41 कार्य दिवस श्रम करने का कुल राशि 70,000/- रुपए मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है शिकायत में उल्लेख है कि हम राजमिस्त्री एवं मजदूरी का कार्य किए हैं जिसमें तत्कालीन प्राचार्य संजय श्रीवास्तव एवं वर्तमान प्राचार्य श्री मिंज के द्वारा हमें मजदूरी की राशि प्रदान नहीं की गई है अतः निवेदन है कि हमें सामग्री एवं मजदूरी की राशि प्रदान कराए जाने की कृपा हो।
*छात्राओं से अश्लीलता के आरोप में हटा प्राचार्य*
ज्ञात हो कि विगत कुछ माह पहले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठोड़ीपानी जनपद पंचायत जैतहरी जिला अनूपपुर में पदस्थ तत्कालीन प्राचार्य संजय श्रीवास्तव पर उन्हीं के विद्यालय के छात्राओं द्वारा उनके साथ गलत तरीके से पेश आना एवं अश्लीलता बरतने का आरोप लगाया गया था जिस जांच में संज्ञान लेकर प्रशासन द्वारा सही पाए जाने पर उन्हें पद से पृथक करते हुए राजेंद्रग्राम विकासखंड शिक्षा कार्यालय में अटैच किया गया और इन्हीं के द्वारा उक्त प्रयोगशाला भवन निर्माण कार्य कराया जाता रहा उनके पद से पृथक होने के उपरांत वही पदस्थ वरिष्ठ अध्यापक श्री मिंज को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया जो अभी वर्तमान में पदस्थ हैं और ऐसी विसंगति में गरीब मटेरियल सप्लायर एवं मजदूर वर्ग को उनकी राशि ना मिल पाना बड़ा ही अशोभनीय विडंबना है।