कोयला माफिया, पिपरिया नाला में बारूदी विस्फोट से कर रहे हैं कोयला खनन

 कोयला माफिया, पिपरिया नाला में बारूदी विस्फोट से कर रहे हैं कोयला खनन

*ग्रामीणों ने मंत्री व पुलिस अधीक्षक से कार्यवाही की मांग*


अनूपपुर

प्रदेश में अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत मझौली के पिपरिया गांव में नदी के किनारो से कोयले के अवैध खनन और परिवहन का मामला काफी दिनों से सामने आ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार मध्यप्रदेश शासन के शासकीय राजस्व भूमि से नाले के नीचे बड़े पैमाने पर कोयले का भंडार होने के कारण माफियाओं ने अवैध खनन के लिए मशीनों और विस्फोटकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।जिस पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मध्यप्रदेश शासन के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिलीप जायसवाल से पुलिस अधीक्षक को निर्देशित कर तत्काल उक्त माफियाओं पर कार्रवाई कराए जाने की मांग की हैं। 

*माफियाओं का बना प्रमुख ठिकाना*

कोतमा जनपद का मझौली-पिपरिया गांव म.प्र. और छ.ग. की सीमा में स्थित होने के कारण कोयला माफियाओं के लिए यह क्षेत्र मुख्य ठिकाना सा बनता जा रहा है।स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार पहले यह खनन छोटे मोटे स्तर पर स्थानीय कोयला चोरों के द्वारा किया जाता था,लेकिन इन दिनों कुछ बाहरी कोयला माफियाओ के द्वारा बड़े बड़े मशीनों और बारूद विस्फोट का उपयोग कर कम समय में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में कोयला निकालने का कार्य किया जा रहा हैं। 


*माफिया का जबलपुर कनेक्शन*

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  जबलपुर के एक माफिया द्वारा शहडोल बुढार के कुछ माफियाओं से संपर्क साधकर अनूपपुर जिले के स्थानीय कोयला चोरों की मदद से कोयला खनन की योजना बनाई गई है।इसी क्रम में बुढार के एक माफिया द्वारा निगवानी क्षेत्र के पुराने रेत चोर के साथ कोयले के खनन के लिए स्थानीय बेरोजगारो को पैसों का लालच देकर उन्हें गांव से मजदूरो की व्यवस्था करने और बदले में उन्हें प्रत्येक ट्रिप कोयले के परिवहन पर 40 से 50 हजार रुपए देने की बात कही है। 

 *ग्रामीणों में भय की स्थिति*

सूत्रों की माने तो स्थानीय ग्रामीणों को कोयला माफिया धमकी देकर और डराकर चुप करा रहे हैं।बारूदी विस्फोट से आसपास के क्षेत्र में लोगों के घर की दीवारें हिल जा रही है,जिससे कही न कही ग्रामीण डर के साए में जी रहे है।इससे पूर्व में भी कुछ स्थानीय ईंट भट्ठा संचालक गांव के मजदूरों को पैसे देकर कोयला खुदाई करवाते थे,लेकिन अब ऐसा नहीं है माफिया चट्टानों में सुरंग बनाकर बारूदी विस्फोटकों और मशीनों से कोयले का खनन कर रहे हैं।  

*प्रशासन की निष्क्रियता से फल फूल रहे माफिया*

सूत्रों का कहना है कि जिले के खनिज विभाग और स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता से क्षेत्र में यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।माफिया स्थानीय ईंट भट्ठों और छत्तीसगढ़ में ऊंची कीमत पर कोयले की सप्लाई कर रहे हैं,जिससे उन्हें भारी मुनाफा हो रहा है।अवैध खनन की इस अवैध गतिविधि से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है,बल्कि स्थानीय प्रशासन की उदासीनता भी उजागर हो रही है।वही स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि खनिज विभाग को उक्त अवैध खनन की जानकारी ना हो..लेकिन उसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं होना संदेहास्पद हैं। 

*स्थानीय लोगों को कार्यवाही की उम्मीद*

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें अब सिर्फ कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल से ही कार्यवाही की उम्मीद है,उनका कहना है कि माफियाओं पर कार्यवाही के साथ ही उनके विधानसभा क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवैध कार्य को पनपने नहीं दिया जाए।जिस हेतु क्षेत्रीय थाना तथा खनिज विभाग के संबंधित अधिकारियों को अवैध खनन के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने हेतु निर्देशित करने की मांग की है।क्योंकि यह खनन पर्यावरण के लिए खतरा होने के साथ ही क्षेत्र के कानून व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा।

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