झोपड़ीनुमा मकान पर भू-माफिया कर रहा अब बड़े निर्माण की तैयारी

झोपड़ीनुमा मकान पर भू-माफिया कर रहा अब बड़े निर्माण की तैयारी

*शासकीय भूमि पर बोर व विद्युत कनेक्शन करवा लेना, भू-माफिया की दबंगई*


शहडोल

संपूर्ण जिले भर में भू माफियाओं की संलिप्तता संभवत: किसी से छिपी नहीं है। उनके द्वारा कानूनी प्रक्रिया का पालन करने को लेकर बेखौफ ठेंगा दिखाना और मनमानी व अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना, मानो इस जिले में अब आम बात हो चली है। वहीं दूसरी ओर यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि, प्रशासनिक जिम्मेदार भी इन मामलों को लेकर कोई कार्रवाई या पहल करने सरोकार नहीं रखते। परिणाम स्वरूप आज यह स्थिति निर्मित है कि, मनमाने तर्ज पर भू-माफिया अपनी कर रहे हैं।

कहीं किसी गरीब की जमीन पर अवैध कब्जा, तो कहीं शासकीय भूमि को हेरफेर कर क्रय-विक्रय का खेल, कहीं किसी जमीन के फर्जी कागजात बन जाने जैसे कई मामले आए दिन सामने आते रहे हैं। विचारणीय है कि, अधिकांश मामलों में ठोस दस्तावेजों सहित शिकायत बावजूद आज भी कार्रवाई मूर्तरूप नहीं ले सकी है। जिसके चलते जहां शिकायतकर्ता या पीड़ित इंतजार की घड़ियां गिन रहा है तो वहीं दूसरी ओर भू-माफिया चांदी काट रहे हैं।

ऐसा ही एक ताजा मामला कोयलांचल क्षेत्र के धनपुरी नगर से प्रकाश में आया है। जहां स्थित शासकीय आराजी को ही भू-माफिया ने बेचने का कारनामा कर दिखाया है। उक्त मामले की शिकायत कर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की मांग भी की गई है। शिकायतकर्ता ने बताया है कि, धनपुरी नगर पालिका अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 2 (हाथीडोल) के शासकीय भूमि, खसरा क्रमांक 161/2 व रकबा 0.267 में कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर कब्जा कर रखा है और विक्रय कर दिया है।

बताया गया है कि, उक्त भूमि को कल्लू बैसाखू नामक व्यक्ति ने भू-माफिया रवि को बेचा दिया है। यह भूमि खैरहा हरदी रोड़ में स्थित बताई गई है। विचारणीय है, उक्त आराजी की भूमि पर झोपड़ीनुमा घर बनाकर भू-माफिया ने वहां बकायदे ट्यूबवेल भी लगवा लिया है। इतना ही नहीं उसने बकायदा यहां पर विद्युत कनेक्शन ले, सुविधा का लाभ उठा रहा है।

गौरतलब है कि, उक्त शासकीय भूमि पर बेधड़क रूप से बोर करवाना और विद्युत कनेक्शन करवा लेना, जहां भू-माफिया की दबंगई का प्रतीक है। तो दूसरी ओर यह प्रशासनिक जिम्मेदारों की निष्क्रियता व घोर लापरवाही को भी प्रदर्शित करता है। उपरोक्त सुविधाएं जिस तरीके से प्राप्त हुई हैं, निश्चित ही उससे कई अन्य गंभीर सवालता उठ खड़े होते हैं। जिसका जबाब शायद जिम्मेदारों से ही मिल सकता है। बहरहाल, उक्त शासकीय आराजी की भूमि अतिक्रमण मुक्त कराए जाने की मांग की गई है। देखना यह होगा कि, यह भूमि कब तक और किस तरह से अतिक्रमण मुक्त हो पाती है?
Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget