जिले में कड़ाके की ठंड 3 डिग्री तापमान, शीतलहर से आम जनजीवन हुआ प्रभावित
*वाहनो व घास पर जमीं ओस की सफेद चादर, दो दिनों से गलन वाली ठंड*
अनूपपुर
जिले के अमरकंटक में जहां पारा लुढकने से तापमान जमाव बिंदु तीन डिग्री सेल्सियस में पहुंचा गया हैं। उत्तर भारत की सर्द हवाएं अनूपपुर जिले के लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास दिला रहीं है। सतपुड़ा मैकल अंचल की पहाड़ी वादी पर बसा अमरकंटक अपनी ठंड के लिए देशभर में जाना जाता है। इन दिनों यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लगातार दो दिनों से अमरकंटक की धरा पर घास पर ओस की बूंदे जमी हुई नजर आई। यहां का न्यूनतम तापमान गुरुवार की सुबह 3 डिग्री दर्ज किया गया। अमरकंटक के नर्मदा मंदिर उद्गम कुंड से लेकर रामघाट, कपिलधारा तक के मैदानी क्षेत्र में नर्मदा तट के किनारे घास सफेद हो गई थी, जो सुबह करीब सात बजे तक थी।
*वाहनों के ऊपर जमीं ओस की बूंद*
पवित्र नगरी अमरकंटक में शाम की तरह सुबह भी गलन भरी ठंड थी। लोग अलाव जलाए हुए नजर आए। सुबह हल्के कोहरे की धुंध भी थी। सुबह चार पहिया वाहनों में भी ओस जमा हुई थी। कोटि तीर्थ कुंड, रामघाट जहां सुबह से नर्मदा भक्तों का डुबकी लगाने भीड़ लग जाया करती थी, भारी ठंड के चलते लोग बेहद कम नजर आए। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा यहां चहल-पहल बढ़नी शुरू हो गई।
*जनवरी में रहता सबसे ठंडा*
अमरकंटक क्षेत्र में दिसंबर और जनवरी के माह में सर्वाधिक ठंड का वातावरण रहता है। यहां न्यूनतम तापमान 0 से भी नीचे चला जाता है। अमरकंटक की तरह पुष्पराजगढ़ तहसील क्षेत्र में भी कड़ाके की ठंड है। यह पूरा अंचल आदिवासी है तथा पहाड़ी अंचल होने तथा अमरकंटक के घनघोर जंगल की वजह से यहां भी भारी ठंड बरकरार रहती है।
*दो दिनों से पड़ रही तेज ठंड*
गुरुवार सुबह पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण अंचल में पौधों और घास पर सफेद ओस के कारण खर्रा भी पड़ गया था। अमरकंटक से जिला मुख्यालय अनूपपुर की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है, जहां गुरूवार की सुबह 5 से 6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया हैं। ठंड का असर यहां भी दो दिनों से बना हुआ है शाम ढलते ही शीत लहर का प्रकोप शुरू हो जाता हैं।