बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ, वन्य-प्राणियों की गणना के लिए लगाए गए 1278 कैमरे

बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ, वन्य-प्राणियों की गणना के लिए लगाए गए 1278 कैमरे 

*गणना के बाद आँकड़ों को एकत्रित कर वाइल्ड-लाइफ इंस्टीट्यूट भेजा जायेगा*


उमरिया

जिले के विश्व प्रसिद्ध बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फेस-44 की गणना की जा रही है। इसमें टाइगर रिजर्व के 9 परिक्षेत्रों में ट्रैप कैमरे लगाये गये हैं। गणना के बाद आँकड़ों को एकत्रित कर वाइल्ड-लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून भेजा जायेगा। टाइगर रिजर्व में फेस-44 की गणना प्रतिवर्ष की जाती है। टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में चिन्हित स्थानों में ट्रैप कैमरे लगाये गये हैं। यह कैमरे 25 दिन के लिये लगाये जाते हैं। इन कैमरों में एकत्रित फोटो का मिलान किया जाता है और इससे नये वन्य-प्राणियों की पहचान की जाती है।

गणना में बाघ, तेंदुआ और पक्षियों के मूवमेंट, टेरिटरी की भी जानकारी प्राप्त हो जाती है। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गणना के लिये 2 ब्लॉक बनाये गये हैं। एक ब्लॉक में 4 परिक्षेत्र और दूसरे ब्लॉक में 5 परिक्षेत्र हैं। दोनों ब्लॉकों के लिये नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं, जो पूरी गणना और गणना में लगे कर्मचारी का सहयोग करेंगे। ट्रैप कैमरे का डाटा बीटीआर के टाइगर सेल तक पहुँचाया जायेगा।

टाइगर रिजर्व में बाघ, तेंदुआ और सहभक्षी वन्य-प्राणियों की गणना के लिये 9 परिक्षेत्रों में 640 स्थानों पर 1200 से अधिक ट्रैप कैमरे लगाये गये हैं। इनकी सुरक्षा के लिये भी स्टॉफ को नियुक्त किया गया है। ट्रैप कैमरों में सेंसर लगा होता है। कैमरों को जंगल में चिन्हित स्थानों पर आमने-सामने लगाया गया है।

कैमरों के सामने से वन्य-प्राणी के निकलते ही, कैमरों को मूवमेंट मिलते ही फोटो क्लिक कर लेता है। वन्य-प्राणियों की गणना का उद्देश्य वन्य-प्राणियों के संभावित आँकड़े प्राप्त होने से बाघ, तेंदुआ के संरक्षण को लेकर योजना बनाने में सहयोग मिलता है। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व में लगभग 165 से अधिक बाघ और 130 से अधिक तेंदुआ हैं।

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