नीलकंठ के ओवरलोड ट्रकों से किया जा रहा वायु प्रदूषण, ग्राम वासी परेशान
अनूपपुर
जिले की ऊर्जा धानी कहे जाने वाली जमुना कोतमा क्षेत्र की जीवनदायिनी आमाडाड खुली खदान परियोजना जो जमुना कोतमा क्षेत्र की टारगेट को नवागत महाप्रबंधक प्रभाकर राम त्रिपाठी के पदभार ग्रहण करने के साथ ही टारगेट को हासिल करने की चुनौती को स्वीकार करते हुए लगातार उत्पादन एवं उत्पादकता पर दिनों दिन वृद्धि कर रही है।
*नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां*
एसईसीएल द्वारा उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एन आई एम एल कंपनी को उत्पादन के साथ-साथ ट्रांसपोर्टिंग तथा क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार के साधन मुहैया कराने के लिए एसईसीएल द्वारा अनुबंध किया गया! नीलकंठ कंपनी राष्ट्रीय स्तर की कंपनी होने के साथ-साथ नई तकनीकी की मशीनरी के साथ क्षेत्र में काम करने के लिए आई l इस कंपनी के आने से स्थानीय बेरोजगार युवकों में रोजगार की एक आस जगी किंतु कंपनी के उच्च अधिकारियों द्वारा लेन देन कर युवकों को नौकरी देने का भी प्रकरण आया।
*ओवरलोड हो रहा परिवहन*
आमाडंड खुली खदान परियोजना से गोविंदा साइडिंग तक परिवहन करने का भी काम नीलकंठ कंपनी को दिया गया है जिसमें कंपनी के ट्रिपर द्वारा परिवहन का कार्य किया जाता है जिसमें 30 टन पासिंग अप्रूव्ड है उसमें 35 से 38 टन लोड कर कोयला साइडिंग लाया जाता है जिसके चलते पयारी, निमहा गांव सहित नपा क्षेत्र कोतमा और भालूमाड़ा निवासी भी पूरी तरह से वायु प्रदूषण की धुंध में क्षेत्रवासी परेशान है साथ ही गंभीर स्वास्थ्य की बीमारियों से ग्रसित होने का भय बना रहता है। इस विषय में जमुना कोतमा क्षेत्र के महाप्रबंधक प्रभाकर राम त्रिपाठी चर्चा के दौरान बताया कि उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है और उसके लिए हम तत्काल फोग मशीन लगाकर पानी का छिड़काव तथा स्वीप मशीन के माध्यम से सड़क की धूल उठाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और जल्द ही पर्यावरण को लेकर हम कार्य करेंगे!