आदित्य विश्वकर्मा राज्य स्तरीय खेल जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतकर नाम किया रौशन

आदित्य विश्वकर्मा राज्य स्तरीय खेल जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतकर नाम किया रौशन

*नीरज चोपड़ा से ऐसा हुआ प्रभावित होकर मान लिया अपना गुरु*



शहडोल 

जिले के गांव के एक लड़के ने जैवलिन में ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसके बाद हर ओर उसकी चर्चा हो रही है। धुरवार गांव के रहने वाले आदित्य विश्वकर्मा जिन्होंने अभी हाल ही में जैवलिन को लेकर ऐसा कमाल किया है, जैवलिन जैसे गेम में संभाग में अब तक ऐसा नहीं हुआ है, जो काम गांव के इस लड़के ने इतने कम समय में कर दिखाया है. उनकी इस कामयाबी को लेकर अब जिले भर के लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।

*जैवलिन में जीता गोल्ड*

शहडोल जिले के धुरवार गांव के रहने वाले आदित्य विश्वकर्मा ने हाल ही में स्टेट स्कूल गेम्स में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने शहडोल डिवीजन की ओर से खेलते हुए कमाल कर दिखाया, स्टेट स्कूल गेम्स का आयोजन इस बार छतरपुर में किया गया, जहां आदित्य विश्वकर्मा ने जैवलिन थ्रो में हिस्सा लिया और ऐसा जैवलिन फेंका कि उन्हें कोई पछाड़ नहीं पाया, शहडोल के इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीतकर जिले और अपने गांव का नाम रोशन कर दिया. आदित्य विश्वकर्मा बताते हैं कि ''उन्होंने 53.10 मी जैवलिन फेंकी है, जिसके चलते उन्हें गोल्ड मेडल मिला हैं।

*राष्ट्रीय खेल के लिए हुआ चयन*

आदित्य विश्वकर्मा कहते हैं कि, ''स्टेट स्कूल गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने की वजह से अब वो नेशनल गेम्स के लिए भी क्वालीफाई कर गए हैं, नेशनल गेम्स इस बार रांची में आयोजित किए जाएंगे, जिसकी संभावित तारीख 25 नवंबर है.'' आदित्य विश्वकर्मा कहते हैं कि, ''अगर उनकी तैयारी इसी तरह चलती रही तो उन्हें उम्मीद है कि वो नेशनल में भी गोल्ड मेडल लगाएंगे, इसके लिए इन दिनों उन्होंने फिर से पसीना बहाना शुरू कर दिया है।

*नीरज चोपड़ा को मानते हैं गुरु*

आदित्य विश्वकर्मा बताते हैं कि, ''जब नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता तो उससे वो बहुत प्रभावित हुए हैं और उन्होंने मन बना लिया था कि इसी गेम्स में अपना करियर बनाना है। आदित्य विश्वकर्मा के कोच धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि, ''आदित्य नीरज चोपड़ा से काफी प्रभावित हैं और ये अक्सर ही उनकी चर्चा करता रहता है, नीरज चोपड़ा को वह अपना गुरु मानने लगा है।

सुबह शाम करते हैं प्रैक्टिस

आदित्य विश्वकर्मा कहते हैं कि, वो जैवलिन थ्रो को लेकर काफी सीरियस रहते हैं और हर दिन प्रैक्टिस करते हैं, एक भी दिन ऐसा नहीं जाता है जब वो तीन से चार घंटे प्रैक्टिस नहीं करते हों, सुबह-शाम मिलाकर कम से कम वो 4 घंटे प्रैक्टिस जरूर करते हैं, क्योंकि उन्हें ये गेम अच्छा लगता है और इसमें उन्हें अपना करियर बनाना है, अभी तो स्कूल स्टेट में गोल्ड जीता है, उसका लक्ष्य नेशनल में गोल्ड जीतना है, उनका सपना है अच्छी ट्रेनिंग करते जाएं और इंडिया के लिए भी आने वाले समय में खेलें, अपने गुरु (नीरज चोपड़ा) की तरह ही आने वाले समय में ओलंपिक में भी मेडल लेकर आएं।

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