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IGNTU बचाओ समिति का आंदोलन तेज, समाधान न मिलने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

*छात्रावास के छात्रों से 1 हजार की अवैध वसूली की गई है, उसे वापस किया जाए*

अनूपपुर

IGNTU (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय) में हालातों को सुधारने की मांग को लेकर IGNTU बचाओ समिति ने आज तिरंगा यात्रा निकाली। इस यात्रा का उद्देश्य विश्वविद्यालय में लंबे समय से चली आ रही विभिन्न समस्याओं का समाधान करवाना था। यात्रा लालपुर गाँव से शुरू होकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करते हुए सीधे एडमिनिस्ट्रेशन भवन तक पहुंची।यात्रा के दौरान कई छात्रों और स्थानीय नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि, विश्वविद्यालय की ओर से किसी जिम्मेदार अधिकारी ने ज्ञापन को स्वीकार नहीं किया। अंततः igntu बचाओ समिति द्वारा विश्वविद्यालय के कुलसचिव के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया।समिति के अनुसार, यदि 2 दिनों में इन मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो समिति अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने का फैसला करेगी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे। समिति ने प्रशासन को चेतावनी दी कि मांगों की अनदेखी गंभीर परिणाम ला सकती है।ज्ञापन में निम्नलिखित महत्वपूर्ण मांगो का उल्लेख किया गया।

गौरेला, अमरकंटक एवं राजेंद्रग्राम से विश्वविद्यालय की बस पुनः शुरू की जाए। क्षेत्रीय विद्यार्थियों को भी छात्रावास आवंटित किया जाए। सभी मेस का टेंडर किया जाए ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके। छात्रावास के छात्रों से शासन द्वारा जो 1000 रुपये की अवैध वसूली की गई है, उसे वापस किया जाए। विश्वविद्यालय का केंद्रीय पुस्तकालय 24 घंटे खोला जाए। छात्राओं का छात्रावास से बाहर रहने का समय बढ़ाया जाए क्योंकि परिसर में सुरक्षा का प्रश्न नहीं उठता। "ग्लूट नर्मदा" नामकरण को वापस लिया जाए, जो माँ नर्मदा की भक्ति के साथ खिलवाड़ है। नर्मदा शोध छात्रावास का गैरकानूनी कब्जा समाप्त कर उसे वापस छात्रावास बनाया जाए। CUET परीक्षा केंद्र की स्थापना विश्वविद्यालय में की जाए ताकि स्थानीय विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। विश्वविद्यालय में कार्यरत क्षेत्रीय सुरक्षा कर्मियों एवं हाउसकीपिंग स्टाफ को नियमित किया जाए। छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश बोर्ड से 12वीं पास विद्यार्थियों का स्नातक में 40% कोटा तय किया जाए। विश्वविद्यालय में चल रही गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती पर तत्काल रोक लगाई जाए और पहले स्थानीय कोटा तय किया जाए फिर भर्ती की जाए। *छात्र प्रतिनिधि का कहना है कि विश्वविद्यालय के भविष्य को बचाने के लिए यह आंदोलन आवश्यक हो गया है, और हम अपनी मांगों के पूरा होने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

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सायबर सेल पुलिस द्वारा ऑनलाइन फ्राड करने वाले व्यक्ति को किया  गिरफ्तार

अनूपपुर

आई टी एक्ट के प्रकरण में सायबर सेल गाँधीनगर गुजरात की टीम आरोपी प्रभात कुमार गुप्ता पिता छोटेलाल गुप्ता उम्र 21 वर्ष निवासी वार्ड न.03 बदरा थाना भालूमाड़ा जिला अनूपपुर की पता तलाश हेतु आये जो आरोपी की गिरफ्तारी हेतु अनूपपुर पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुलिस चौकी फुनगा से टीम गठित कर उक्त आरोपी को गिऱफ्तार कराया। उक्त आरोपी द्वारा अपने मोबाइल में वाट्सएप के माध्यम से नये नये लोगो को कॉल करता था उन लोगों को बातों में लगाकर (कॉलेज का रजिस्ट्रेशन करने, प्रतियोगी परीक्षा की फीस भरना आदि बताकर) ओटीपी नम्बर भेजकर वाट्सएप हैक करता था। अधिकतर लड़कियों / कॉलेज की छात्राओं को बनाता था शिकार वाट्सएप के माध्यम से हैक किए गए व्यक्ति के व्हाट्सएप से उसकी कॉन्टेक्ट/चैट लिस्ट से  दूसरे व्यक्तियों का  नम्बर निकालकर उनको मैसेज कर पैसा मांगता था । परिचित नम्बर होने के कारण इसे पैसा मिल जाता था । फिर उसी शिकार व्यक्ति के वाट्सएप से परिचितो के नम्बर लेकर यही प्रकिया आगे दोहराता था ।

पिछले 03-04 वर्षों से यही काम कर रहा था, गूगल पे/ फोन पे  स्केनर से पैसा ट्रान्जेक्सन करता था । बदरा, कोतमा,फुनगा के आम लोगों को 1000-2000 रूपये का कमीशन देकर  उन लोगो का गूगल/फोन पे स्केनर पीड़ितों को देकर उसमें पैसा ट्रान्जेक्सन कराता था  फिर उनसे कैश पैसा लेकर उनको कुछ खर्चा 1000/- या 2000/- रुपये दे देता था  और बाकी का पैसा लेकर आ जाता था । इस तरह अलग- अलग लोगो को अपना शिकार बनाता था । इस तरह उपयोग में लाए खातों को “म्यूल एकाउंट” कहा जाता है। आरोपी के पास से 02 नग एन्ड्रोईड मोबाइल फोन , 04 नग जियो सिम , VI सिम 01 नग, एयरटेल सिम 07 नग, बैंक की पास बुक पंजाब, एचडीएफसी, एक्सिस, फिनोबैंक एवं क्रेडिट/ डेबिट कार्ड 08 नग सामग्री जप्त किया गया।

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पीआरटी महाविद्यालय में मनाया गया बाल दिवस

अनूपपुर

पीआरटी महाविद्यालय अनूपपुर में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. एस.के तिवारी  पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए आज के दिन की महत्व के बारे बच्चों को सम्बोधित किया। भारत में हर साल देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है पंडित नेहरू को बच्चों के प्रति बेहद प्रेम और स्नेह था, बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू  कह  कर पुकारते थे, इसलिए उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

महाविद्यालय के प्राध्यापक रवि त्रिपाठी अपने उद्बोधन में कहा कि बचपन एक बेहद अनमोल खजाना है इस मौके पर अपने बचपन की यादों को भी ताजा कर सकते हैं। विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए कामना करते हुए कहा कि, विफलता तभी होती  जब हम अपनी आदर्शों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है बच्चों को संबोधित करते रवि त्रिपाठी गीत सुनाते  कहा कि चली जा रही है उम्र धीरे धीरे, बचपन भी जाए जवानी भी जाए बुढ़ापे का होगा भैया असर धीरे धीरे, आज के बच्चे कल का भारत बनाएगें , देश के भविष्य को निर्माण करेंगे, इस मौके पर बच्चों को मिठाई खिलाकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सभी शिक्षकों ने बाल दिवस की शुभकामनाएं दी।

*बेथेल मिशन स्कूल में भी हुआ आयोजन*

पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की जयंती के उपलक्ष में बालदिवस का आयोजन किया गया।इस दौरान बाल मेले, जागरुकता रैली सहित अन्य आयोजन हुए।जिसमें बच्चों द्वारा चाट,पकौड़ी,मिठाई एवं फ़ास्ट फ़ूड आदि व्यंजनों के स्टाल लगाए गए।विद्यालय के प्राचार्य,अध्यापकों,स्कूली बच्चों,अभिभावकों और अतिथियों ने बाल मेले में हर स्टाल पर पहुंचकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।वही विद्यालय के प्राचार्य का कहना है कि विद्यालय में बाल मेले के आयोजन  करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों की प्रतिभा को निखारना है।मेले के माध्यम से लोगों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया गया। स्कूल में लगाए गए स्टॉल में अभिभावकों शिक्षकों ने भी खरीदारी की। इस कार्यक्रम में लगभग हजार की संख्या में बच्चों ने व उनके अभिभावकों ने उपस्थिति दर्ज करवाई,बच्चों ने विभिन्न स्टॉल पर खाने पीने एवं फन स्टॉल पर खूब आनंद लिया।

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भाभी को गाली देना पड़ा भारी, भाई ने भाई पर चाकू से किया जानलेवा हमला

शहडोल 

जिले में पारिवारिक विवाद में जमकर चाकू चले, जहां भाई ने भाई पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं इस मामले में पुलिस ने आरोपी भाई को गिरफ्तार कर लिया है, यह घटना सोहागपुर थाना क्षेत्र की है।

बताया जा रहा है कि मनोज बर्मन और उसके चचेरे भाई रवि बर्मन के बीच पारिवारिक विवाद हो गया, तभी मनोज की पत्नी मौके पर पहुंची और उससे भी रवि का विवाद हो गया, रवि अपनी भाभी से गाली-गलौज करने लगा, जो कि पति मनोज को नागवारा गुजरा और दोनों भाइयों में जमकर कहासुनी हुई. फिर क्या था बात हाथापाई तक पहुंच गई।

इसके बाद गुस्साए रवि ने मनोज पर चाकू से हमला कर दिया. हमले में उसके गले में गंभीर चोट आई है. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है, इस मामले में एडिशनल एसपी अभिषेक दिवान का कहना है कि पारिवारिक विवाद दौरान एक भाई ने दूसरे पर हमला किया गया है, मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

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दोस्ती, प्यार फिर शादी का झांसा देकर बनाता रहा संबंध, आरोपी हुआ गिरफ्तार

*जान से मारने की दे रहा था धमकी, सोशल मीडिया से हुआ था संपर्क*

शहडोल

जिले में एक युवती से शादी का झांसा देकर संबंध बनाने का मामला सामने आया है। पीड़िता की एक युवक से इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी। जिसके बाद दोनों में प्यार हो गया। इस दौरान दोनों के बीच कई बार संबंध बने। युवती ने उस पर शादी का दबाव डाला तो उसने इनकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दी। जिससे आहत पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करा दी। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

*प्यार का झांसा देकर बनाता रहा संबंध*

35 वर्षीय युवती की डेढ़ साल पहले धनेंद्र नामक युवक से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दोस्ती हुई। धीरे-धीरे ये प्यार में तब्दील हो गई। प्यार इतना परवान चढ़ा कि दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का वादा कर लिया। इसी का फायदा उठाते हुए धर्मेंद्र युवती से जिस्मानी संबंध बना बैठा। एक बार नहीं बल्कि कई बार युवती से संबंध बनाए। 

*जान से मारने की दी धमकी*

जब डेढ़ साल बाद युवती ने धर्मेंद्र के समाने शादी का प्रस्ताव रखा तो आरोपी मुकर गया और धमकी देने लगा कि अगर उसने दबाव बनाया तो वह उसे मौत के घाट उतार देगा। इससे आहत पीड़िता ने मामले की शिकायत जिले के सोहागपुर पुलिस से की। पुलिस ने जीरो में मामला दर्ज कर केस डायरी कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया। जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। एडिशनल एसपी ने कहा कि आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

सोशल मीडिया का नादानी पूर्वक उपयोग करना बेहद खतरनाक साबित होता जा रहा है। साइबर विशेषज्ञों के बार-बार चेतावनी देने के बाद भी लोगों में समझ विकसित नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि सोशल मीडिया जनित अपराधों की संख्या बढ़ते जा रही है।

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आदित्य विश्वकर्मा राज्य स्तरीय खेल जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतकर नाम किया रौशन

*नीरज चोपड़ा से ऐसा हुआ प्रभावित होकर मान लिया अपना गुरु*

शहडोल 

जिले के गांव के एक लड़के ने जैवलिन में ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसके बाद हर ओर उसकी चर्चा हो रही है। धुरवार गांव के रहने वाले आदित्य विश्वकर्मा जिन्होंने अभी हाल ही में जैवलिन को लेकर ऐसा कमाल किया है, जैवलिन जैसे गेम में संभाग में अब तक ऐसा नहीं हुआ है, जो काम गांव के इस लड़के ने इतने कम समय में कर दिखाया है. उनकी इस कामयाबी को लेकर अब जिले भर के लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।

*जैवलिन में जीता गोल्ड*

शहडोल जिले के धुरवार गांव के रहने वाले आदित्य विश्वकर्मा ने हाल ही में स्टेट स्कूल गेम्स में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने शहडोल डिवीजन की ओर से खेलते हुए कमाल कर दिखाया, स्टेट स्कूल गेम्स का आयोजन इस बार छतरपुर में किया गया, जहां आदित्य विश्वकर्मा ने जैवलिन थ्रो में हिस्सा लिया और ऐसा जैवलिन फेंका कि उन्हें कोई पछाड़ नहीं पाया, शहडोल के इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीतकर जिले और अपने गांव का नाम रोशन कर दिया. आदित्य विश्वकर्मा बताते हैं कि ''उन्होंने 53.10 मी जैवलिन फेंकी है, जिसके चलते उन्हें गोल्ड मेडल मिला हैं।

*राष्ट्रीय खेल के लिए हुआ चयन*

आदित्य विश्वकर्मा कहते हैं कि, ''स्टेट स्कूल गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने की वजह से अब वो नेशनल गेम्स के लिए भी क्वालीफाई कर गए हैं, नेशनल गेम्स इस बार रांची में आयोजित किए जाएंगे, जिसकी संभावित तारीख 25 नवंबर है.'' आदित्य विश्वकर्मा कहते हैं कि, ''अगर उनकी तैयारी इसी तरह चलती रही तो उन्हें उम्मीद है कि वो नेशनल में भी गोल्ड मेडल लगाएंगे, इसके लिए इन दिनों उन्होंने फिर से पसीना बहाना शुरू कर दिया है।

*नीरज चोपड़ा को मानते हैं गुरु*

आदित्य विश्वकर्मा बताते हैं कि, ''जब नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीता तो उससे वो बहुत प्रभावित हुए हैं और उन्होंने मन बना लिया था कि इसी गेम्स में अपना करियर बनाना है। आदित्य विश्वकर्मा के कोच धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि, ''आदित्य नीरज चोपड़ा से काफी प्रभावित हैं और ये अक्सर ही उनकी चर्चा करता रहता है, नीरज चोपड़ा को वह अपना गुरु मानने लगा है।

सुबह शाम करते हैं प्रैक्टिस

आदित्य विश्वकर्मा कहते हैं कि, वो जैवलिन थ्रो को लेकर काफी सीरियस रहते हैं और हर दिन प्रैक्टिस करते हैं, एक भी दिन ऐसा नहीं जाता है जब वो तीन से चार घंटे प्रैक्टिस नहीं करते हों, सुबह-शाम मिलाकर कम से कम वो 4 घंटे प्रैक्टिस जरूर करते हैं, क्योंकि उन्हें ये गेम अच्छा लगता है और इसमें उन्हें अपना करियर बनाना है, अभी तो स्कूल स्टेट में गोल्ड जीता है, उसका लक्ष्य नेशनल में गोल्ड जीतना है, उनका सपना है अच्छी ट्रेनिंग करते जाएं और इंडिया के लिए भी आने वाले समय में खेलें, अपने गुरु (नीरज चोपड़ा) की तरह ही आने वाले समय में ओलंपिक में भी मेडल लेकर आएं।

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जंगल मे बना दी स्कूल, 6 वर्ष से नहीं लगीं कक्षाए लोक निर्माण विभाग का कारनामा

*मूलभूत सुविधाओं का नही रखा ध्यान, लापरवाहों हो राशि की वसूली*

उमरिया

जिले के मानपुर जनपद अंतर्गत ग्राम मुंगवानी मे लोक निर्माण विभाग (पीआईयू)द्वारा बिना पहुंच वाले स्थान पर स्कूल बिल्डिंग बनवा कर एक और कारनामे को अंजाम दिया है। जिसके चलते वर्षो बीत जाने के बाद भी भवन मे कक्षायें संचालित नहीं हो सकी हैं। जानकारी के मुताबिक शासन द्वारा हाईस्कूल के लिये एक करोड़ रूपये की लागत से नई बिल्डिंग के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। जो 6 वर्ष पूर्व बन कर तैयार भी हो गई, परंतु इसे ऐसी जगह बनवा दिया गया, जहां चारों तरफ खेत और निजी भूमि है। बताया जाता है कि बिल्डिंग तक पहुंचने का मार्ग नहीं होने के कारण आज तक इसमे कोई भी गतिविधि शुरू नहीं हो सकी है। वहीं दूसरी ओर लंबे समय से देखरेख और मेंटीनेंस के आभाव मे भवन की हालत जर्जर होने लगी है।

*मूलभूत सुविधाओं का नही रखा ध्यान*

गौरतलब है कि किसी भी शासकीय संरचना के निर्माण से पूर्व उसके औचित्य तथा सुविधा के सभी पहलुओं को ध्यान मे रखा जाता है। स्कूल जैसे भवनो मे तो आग, बाढ़ आदि आपदाओं से सुरक्षा तथा बच्चों के व्यवस्थित आवागमन जैसे मूलभूत इंतजाम अत्यंत अनिवार्य है। बीते कुछ वर्षो मे देश के विभिन्न हिस्सों मे कोचिंग सेंटर तथा स्कूल भवनों मे पानी भरने और आग जैसी दुर्घटनाओं मे कई छात्रों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा बिना कुछ सोचे-समझे बीच जंगल मे हाई स्कूल मुंगवानी का भवन तान दिया गया है। ऐसे स्थान पर यह महत्वपूर्ण बिल्डिग़ किसके कहने पर बनाई गई। सांथ ही इसका ले आऊट कैसे फाईनल हो गया, यह जांच का विषय है।

*लापरवाहो से हो राशि की वसूली*

इस मामले को लेकर क्षेत्र के लोगों मे भारी रोष है। उन्होने बताया कि भवन निर्माण के समय भी स्थान चयन का मुद्दा उठा था। इतना ही नहीं कई बार इसे व्यवस्थित जगह पर बनवाने की मांग भी की गई, लेकिन अधिकारियों ने उस सलाह को तवज्जो नहीं दी और मनमाने तरीके से बिल्डिंग बनवा दी। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि विभाग की लापरवाही और जबरदस्ती के कारण बच्चों को अभी भी पुराने भवन मे पढऩे पर मजबूर होना पड़ रहा है। इसके लिये लोक निर्माण विभाग (पीआईयू) जिम्मेदार है, लिहाजा विभागीय अधिकारियों से भवन निर्माण पर खर्च हुई समूची राशि वसूली जानी चाहिये।

*एसडीओ के हाथ मे थी निर्माण की जिम्मेदारी*

लोक निर्माण विभाग (पीआईयू)मे भर्रेशाही और भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। आज भी विभाग के आला अफसर दिन भर मद मे चूर रहते हैं। जबकि कार्यालय से लेकर फील्ड तक का पूरा काम एसडीओ पंकज गुप्ता के जिम्मे है। ये वही गुप्ता जी हैं, जिनके खिलाफ गत विधानसभा चुनावों के समय एक महिला कर्मी से छेड़छाड़ करने पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था। सूत्रों का दावा है कि विभाग मे चल रही कमीशनबाजी और धांधली का असर निर्माण कार्यो पर पड़ रहा है। मजे की बात यह है कि इस संबंध मे लगातार शिकायतों के बावजूद भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

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कोदो की फसल की खरीदारी नहीं होने से किसानों में चिंता, सरकार से मदद की गुहार

उमरिया 

जिले के मानपुर जनपद में कोदो की फसल को लेकर किसानों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। हाल ही में बांधवगढ़ में जंगली हाथियों की मौत फंगस लगी कोदो खाने से होने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद से किसानों की कोदो की फसल को कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। बता दें कि बाजार में फसल का मूल्य भी गिर चुका है। अगर कहीं खरीदारी हो भी रही है तो औने-पौने दामों में ही बिक्री हो रही है। इस परिस्थिति ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। अपनी मेहनत से उगाई गई सैकड़ों क्विंटल कोदो की फसल को लेकर सभी काफी ज्यादा चिंतित हैं। वन विभाग ने कोदो की फसल को जलाने की बात किसानों से की है, जिससे

*किसानों में  बढ़ी नाराजगी, किसान चिंतित*

किसान अपनी फसल की बिक्री के लिए सरकार की ओर आशा लगाए बैठे हैं। किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री की योजनाओं में श्री अन्न के रूप में कोदो फसल को शामिल किया गया था, लेकिन मौजूदा स्थिति में यह फसल बाजार में बिक नहीं पा रही है। जल्दबाजी के कारण बेबस किसान कोदों की फसल कटाने जुटा है। मगर वह बिकेगी कहां यह किसी को पता नहीं है, जिसके कारण किसान भारी भरकम कोदों की फसल रखें हुए हैं।

*सरकार से मदद की गुहार*

इसे लेकर किसान इंद्र बहादुर सिंह, राकेश सिंह और कृषि विस्तार अधिकारी संग्राम सिंह मरावी ने भी चिंता व्यक्त की है। साथ ही सरकार से मदद की गुहार लगाई है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सरकार कोई ठोस कदम उठाकर उनकी फसल की उचित कीमत सुनिश्चित करे, ताकि उन्हें इस संकट से राहत मिल सके।


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