वन भूमि पर अतिक्रमण, वन परिक्षेत्र में गंभीर मामले पर कार्रवाई की प्रतीक्षा
अनूपपुर
जिले के कोतमा वन परिक्षेत्र के लतार सर्किल के अंतर्गत ग्राम कोटमी में वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे और इसकी अनदेखी के आरोपों ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि सर्किल प्रभारी डिप्टी और बीट गार्ड की मिलीभगत से अतिक्रमणकारियों को संरक्षण मिल रहा है।
*क्या है मामला?*
बीट धुरवासिन अतिक्रमणकारियो ने बीट गार्ड डिप्टी रेंजर से साठ गांठ बनाकर ग्राम कोटमी में आर एफ 442 की मुनारा क्रमांक 08 को तोड़कर नष्ट कर देने एवं वन भूमि में भारी क्षति की खबरें सामने आ रही हैं। आरोप है कि सर्किल प्रभारी द्वारा झूठे बयान और गलत प्रतिवेदन बनाकर उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन क्षेत्र में अवैध कब्जा होते हुए भी इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
*स्थानीय लोगों की मांग*
क्षेत्रीय निवासियों ने नवागत डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) से मामले की निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि सर्किल प्रभारी और बीट गार्ड की मिलीभगत से यह अतिक्रमण संभव हो पाया है, जिसके कारण वन भूमि को भारी नुकसान हो रहा है।
*डीएफओ से उम्मीद*
नवागत डीएफओ से इस गंभीर मामले में न्यायपूर्ण और सख्त कार्रवाई की अपेक्षा है। यदि समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह क्षेत्र की वन संपदा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
*प्रशासन की चुप्पी पर सवाल*
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण अतिक्रमणकारी बेखौफ हैं। अब सबकी नजरें डीएफओ पर टिकी हैं, जिनसे इस मामले में प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है। क्या वन विभाग इस गंभीर मामले में जागरूक होकर कार्रवाई करेगा, या वन भूमि का यह नुकसान अनदेखा रह जाएगा?