वन क्षेत्र में निगरानी की कमी के लिए फील्ड डायरेक्टर व प्रभारी एसीएफ का निलंबन

वन क्षेत्र में निगरानी की कमी के लिए फील्ड डायरेक्टर व प्रभारी एसीएफ का निलंबन

*राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स गठित होगा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव*


उमरिया

भोपाल :मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित किया जाएगा। हाथी- मानव सह अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही अधिक है वहां किसानों की फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था होगी। 

*घटना दुखद व दर्दनाक*

मुख्यमंत्री डॉ.  यादव ने कहा है कि प्रदेश में उमरिया जिले के वन क्षेत्र में पिछले दिनों 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई मृत्यु की घटना दुखद एवं दर्दनाक है जिसे राज्य शासन ने गंभीरता से लिया है। वन राज्य मंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने क्षेत्र का भ्रमण किया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है। पोस्ट मार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना शेष है। हाथियों के बड़े दल के रूप में आने की घटना गत दो तीन वर्ष में एक नया अनुभव भी है। उमरिया और सीधी जिले में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी दिख रही है।  ऐसे में फील्ड डायरेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को सतर्क और सजग रहने की जरूरत है। 

दोषी 2 अधिकारियों का निलंबन

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हाथियों की मृत्यु की इतनी बड़ी घटना के समय फील्ड डायरेक्टर का अवकाश से वापस न आना और पूर्व में हाथियों के दल आने के संदर्भ में जो आवश्यक चिंता की जाना चाहिए, वह नहीं की गई। इस लापरवाही के लिए फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही प्रभारी एसीएफ फतेहसिंह निनामा को भी निलंबित किया गया है। 

*कर्नाटक, केरल व असम जाकर करेंगे अध्ययन*

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बांधवगढ़ क्षेत्र एवं अन्य वन क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल और आकर्षक स्थिति है। वन क्षेत्रों का प्रबंधन उत्तम होने से हाथियों के दल जो छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आया करते थे और वापस चले जाते थे वे अब वापस नहीं जा रहे हैं। यहां बड़े पैमाने पर हाथियों द्वारा डेरा डालने की स्थिति देखी जा रही है। यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में हाथियों की आवाजाही को देखते हुए स्वाभाविक रूप से स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है। हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस तरह रहवास की सावधानियां रखना चाहिए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा। इन राज्यों में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं । इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा ताकि सहअस्तित्व की भावना के आधार पर हाथियों के साथ बफर एरिया, कोर एरिया में बाकी का जन जीवन प्रभावित न हो, इसका अध्ययन किया जाएगा। हाथियों की सुरक्षा को भी खतरा न हो। इस पर हमने गंभीरता से विचार किया है। अभी जो घटना घटी है इसमें जनहानि को लेकर 8 लाख रुपए प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाता था, उसको बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति करने का निर्णय लिया है। जो इस घटना में दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को भी इससे जोड़ा है। कृषि वानिकी में अन्य प्रकार से वन क्षेत्र के प्राइवेट सेक्टर को जोड़कर पम्परागत खेती के अलावा अन्य कार्यों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे। इससे किसान सामान्य फसल लेने के बजाए वन क्षेत्र की व्यवस्थाओं से जुड़ें और उसका लाभ लें।  

*मुख्यमंत्री ने ली विस्तार पूर्वक जानकारी*

मुख्यमंत्री डा यादव ने आज मुख्यमंत्री निवास में हुई बैठक में उमरिया से लौटे उच्च स्तरीय दल से हाथियों की मृत्यु के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की। वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल ने उमरिया जिले के दौरे  में विभिन्न पहलुओं की जांच और अध्ययन का विवरण दिया। मुख्य सचिव अनुराग जैन बैठक से वर्चुअल रूप से शामिल हुए। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव श्री भरत यादव, आयुक्त जनसम्पर्क डॉ सुदाम खाड़े और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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