रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार की पिटाई, नही हुई एफआईआर, पीड़ित को नही मिल रहा न्याय

रेलवे स्टेशन पर ठेकेदार की पिटाई, नही हुई एफआईआर, पीड़ित को नही मिल रहा न्याय

*अपराधिक तत्वों ने घटना को दिया था अंजाम, हौसले बुलंद*


उमरिया 

जिले से बड़ी खबर सामने आई है, जब रेलवे स्टेशन में 11 नवंबर की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रेलवे की पार्किंग का काम देख रहे ठेकेदार के साथ गाड़ी पार्किंग के नाम पर गुंडागर्दी करते हुए मारपीट की गई। जिसे लगभग 1 सप्ताह गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक पीड़ित एफआईआर के लिए दर-दर भटक रहा है। ना ही मामले में पूछताछ की गई है और ना ही जांच हो रही है।

*यह है मामला*

दरअसल, बिलासपुर जीएम को उमरिया आना हुआ था। इस चक्कर में पार्किंग को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए अधिकारियों के निर्देश प्राप्त थे। रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर कोई भी गाड़ी खड़ी नहीं होने दिया जाए। इस कारण ठेकेदार और उनके कर्मचारियों के द्वारा सभी को वहां गाड़ी खड़ी करने से मना किया जा रहा था। तभी कुछ असामाजिक तत्वों की गाड़ी को खड़ी करने से मना किया, तो उन युवकों को बुरा लगा। जिसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया।

*अपराधियों के हौसले बुलंद*

इस दौरान बातचीत आगे बढ़ी और मारपीट तक मामला चला गया, जिससे ठेकेदार का हाथ टूट गया और उनके कर्मचारियों को भी गंभीर चोटें आई, लेकिन सीमा रेखा के चक्कर में अभी तक कुछ भी कार्रवाई न होने से अपराधियों के हौसले बुलंद है। ऐसे में ही सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार कौन सा थाना एफआईआर दर्ज करेगा। वहीं, उमरिया पुलिस या जीआरपी शहडोल क्या कार्रवाई करती है, इस पर एक अभी तक सवालिया निशान खड़ा है।

मामले को लेकर सिटी कोतवाली का कहना है कि यह जीआरपी का मामला है। उसके लिए कवरिंग लेटर शहडोल जीआरपी को भेजा गया है, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।

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