तीन माह में 7.64 लाख साइबर फ्राड के मामले में पुलिस ने फरियादियों को वापस कराए रुपए
शहडोल
जिले में साइबर अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पुलिस ने इन्हें प्राथमिकता से लेते हुए तीन माह में साइबर फ्रॉड के मामलों में 7 लाख से अधिक की रकम वापस करवाई है। रकम वापस होने पर शहडोल पुलिस की काफी प्रशंसा हो रही है।
दरअसल, लोग साइबर फ्रॉड का शिकार होकर अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल लगातार साइबर अपराधों की रोकथाम और पीड़ित व्यक्तियों के खातों से गायब हुई राशि को रिकवर कराने के भरसक प्रयास कर रही है। साथ ही, पुलिस विभाग स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम भी चला रहा है।
बताया गया कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पुलिस ने साइबर फ्रॉड के अलग-अलग मामलों में पीड़ितों के 7,64,515 रुपए रिकवर कर उन्हें वापस किए। इनमें पहला मामला धनपुरी निवासी नीलेश कुमार मिश्र का था, जिन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी कि अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल कर क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का ऑफर दिया गया। लिंक खोलने पर उनके क्रेडिट कार्ड से 59,900 रुपए की धोखाधड़ी हो गई। साइबर सेल ने संबंधित बैंक और नोडल से संपर्क कर राशि होल्ड कराई और पूरी रकम वापस कराई।
इसी तरह मेडिकल कॉलेज निवासी हर्षिता शर्मा ने शिकायत की थी कि एक अज्ञात नंबर से कॉल कर उसे परिचित बताया गया और धोखे में रखकर ऑनलाइन माध्यम से 45,000 रुपए की धोखाधड़ी कर ली गई। पीड़िता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए फ्रॉड की राशि होल्ड कराई गई और संबंधित बैंक एवं नोडल से संपर्क कर संपूर्ण राशि वापस दिलाई गई।
ऐसे कई मामलों में पुलिस ने गंभीरता से काम करते हुए साइबर फ्रॉड में गई रकम को वापस करवाया है। पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के निर्देशन में यह कार्रवाई निरंतर जारी है। साइबर सेल प्रभारी सत्य प्रकाश मिश्रा, केशव धाकड़ और पूरी साइबर टीम इस कार्रवाई में शामिल है।
साइबर सेल प्रभारी सत्य प्रकाश मिश्रा ने बताया कि साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनसे रकम ऐंठते हैं। लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। अगर किसी के साथ फ्रॉड हो जाए, तो बिना देरी किए इसकी सूचना संबंधित थाने या साइबर सेल में दें। पुलिस लगातार प्रयास करती है कि लोगों की रकम वापस मिल जाए।