ठेका मजदूरों में छाई मायूसी, शासन के आदेश के बावजूद दिवाली पर्व पर मजदूरों को नहीं मिला वेतन
*मामला अरकंटक ताप विद्युत् गृह चचाई का*
अनूपपुर
मध्यप्रदेश शासन का उपक्रम अमरकंटक ताप विद्युत् गृह,चचाई जो प्रत्येक वर्ष बिजली उत्पादन में देश में नए-नए कीर्तिमान रचता हैं,बिजली उत्पादन में एक नंबर पर रहता हैं,यहाँ पर नियमित अधिकारीयों- कर्मचारीयों की संख्या से चार गुना मजदूर ठेका पर न्यूनतम पगार में कार्य करते हैं,जो नियमित कार्मिकों के वेतन की दस से बीस प्रतिशत ही होती हैं,मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री एवं शासन के आदेश के बावजूद प्रबंधन द्वारा मजदूरों को दीपावली पर्व के पूर्व अक्टूबर माह का वेतन,बोनस एवं कई विभागों में पूर्व के महीनों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया। जिससे यहाँ पर कार्यरत मजदूरों में मायूसी छा गयी हैं, मजदूरों का कहना हैं कि मुख्यमंत्री एवं शासन के दिवाली पूर्व वेतन,बोनस देने के आदेश पर मजदूरों में ख़ुशी का माहौल था कि वेतन-बोनस की राशी मिलने पर वह भी इस वर्ष दीवाली पर्व अपने परिवार के साथ हसीं-ख़ुशी मनाएंगे, लेकिन यहाँ के मुखिया श्री एम.एल. पटेल की मजदूर विरोधी शैली के चलते प्रबंधन मजदूरों को वेतन-बोनस का भुगतान नहीं करा सका, जिससे यहाँ कार्यरत मजदूरों में मायूसी छा गयी हैं।श्रम क़ानून के अनुसार नियम तो यह भी हैं कि ठेकेदार यदि बोनस,मजदूरी का भुगतान नहीं करता तो प्रथम नियोक्ता के नाते प्रबंधन द्वारा मजदूरों का भुगतान कर ठेकेदार के बिल से उक्त राशी का कटोत्रा किया जाये, लेकिन यहाँ के प्रबंधन द्वारा ऐसा नहीं कर मजदूरों को शासन के आदेश के बाद भी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया। नाम न बताने की शर्त पर एक मजदूर ने कहा कि वर्तमान मुख्य अभियंता मजदूर विरोधी हैं, उनको फर्क नहीं पड़ता मजदूरों को मजदूरी मिले या न मिले यदि मजदूर उनसे वेतन बोनस न मिलने की समस्या बताते हैं तो उनका साफ कहना रहता हैं कि तुम जानो और तुम्हारा ठेकेदार जाने हमारे पास मत आओ हम कुछ नहीं करेंगे, जिससे मजदूर वर्ग हताश हैं एवं मध्यप्रदेश शासन से उचित कार्यवाही की मांग करता हैं।