नायब तहसीलदार आम जनता के साथ कर रहे है दुर्व्यवहार व अभद्रता का मामला आया सामने
*बीपीएल कार्ड बनाने के लिए लेते हैं रुपए, शिकायत को लेकर भड़का अधिकारी*
शहडोल
जिले के जैतपुर क्षेत्र अंतर्गत नायब तहसीलदार चंद्र सिंह मरावी के द्वारा आम जनता के साथ अभद्रता किए जाने का मामला सामने आया है । जानकारी के मुताबिक चंद्र सिंह मरावी के द्वारा तहसील के निकट नेमूहा ग्राम के एक व्यक्ति को अपमानित किया गया और रूम से बाहर का रास्ता दिखाया गया साथ में जेल भेजने की धमकी दी गई। जब वरिष्ठ अधिकारी ही आम जनता के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे तो आम जनता किसके सामने अपनी समस्या रखेगी।
*यह है पूरा मामला*
जानकारी अनुसार चंद्र सिंह मरावी के द्वारा गांव के ही निकट बालेंद्र प्यासी के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने का मामला सामने आया है। मीडिया से बातचीत के दौरान बालेंद्र पयासी ने बताया कि ग्राम पंचायत नेमुहा के ग्राम सभा के दौरान सचिव नारायण यादव के द्वारा ग्राम सभा के बीच में उठ जाने एवं किसी भी विषय की जानकारी नहीं दिए जाने को लेकर ग्राम के लोगों ने एक शिकायत पत्र तैयार किया क्योंकि नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा था और उस दिन ग्राम के व्यक्तियों के द्वारा दुर्गा मूर्ति के उठाव के लिए जाना पड़ रहा था। ऐसे में ग्रामीणों ने मुझे शिकायत पत्र को तहसीलदार महोदय को सौंपने के लिए कहा मैं उस पत्र को लेकर नायब तहसीलदार के कक्ष में पहुंचकर ग्राम सभा में हुए घटना के बारे में बताया, इतने में नायब तहसीलदार चंद्र सिंह मरावी के द्वारा मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया गया मुझे अपमानित किया गया और रूम से बाहर जाने को कहा साथ में मुझे जेल भेजने तक की धमकी दी।
पीड़ित समझ नहीं पा रहा था कि आखिरकार नायब तहसीलदार के द्वारा इस तरह का अभद्र व्यवहार क्यों किया गया इस पर तहसीलदार ने मुझे अपमानित करते हुए यह कहा कि तुम हमेशा बीपीएल और पंचायत से संबंधित शिकायत लेकर आते हो और तुम्हारा यही काम है तब मुझे एहसास हुआ कि नायब तहसीलदार के द्वारा पूर्व में हुई बीपीएल की जांच आवेदन को लेकर मुझसे भड़ास निकाला गया है ।
इस घटना से अपने आप को बड़ा छोटा महसूस कर रहा हूं। क्या राजस्व विभाग में चल रहे अनियमिता को बताना गलत है क्या अपात्र लोगों को शासन को सूचित करना गलत है ऐसे कई विषय हैं जो राजस्व में कुंडी मारकर बैठे हुए हैं इन पर कार्यवाही करना शासन का दायित्व है नहीं तो भ्रष्टाचार रोकना संभव नहीं है। अब देखना यह है कि क्या मीडिया के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारी इस विषय पर संज्ञान लेते हैं या फिर राजस्व में चल रहे भ्रष्टाचार इसी तरह से कायम रहेगा।
वरिष्ठ समाजसेवीयो एवं आम जनता ने नायब तहसीलदार के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है और वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान लेने की बात कही। आम जनता के साथ अधिकारियो का ऐसा बर्ताव अत्यंत ही दुखद है जब जिम्मेदार अधिकारी ही आम आम जनता के साथ ऐसा बर्ताव करेंगे तो जनता को आखिरकार न्याय कौन देगा। चंद्र सिंह मरावी जैसे लोग जब इस तरह की हरकत करेंगे तो राजस्व विभाग में सुधार कैसे संभव है।
*बीपीएल श्रेणी में नाम जुड़वाने लेते हैं रुपये*
सूत्र बताते हैं कि चन्नौडी उप तहसील केंद्र में बीपीएल श्रेणी में नाम जुड़वाने के लिए एजेंट को तैयार किया गया है चर्चा यह भी है कि चन्नौडी तहसील का कोटवार उप तहसील का प्रमुख एजेंट है और इसी एजेंट के माध्यम से साहब बीपीएल श्रेणी का गोरख धंधा बनाकर रखे हुए है। लगातार क्षेत्र में बीपीएल के नाम पर गोरख धंधा किया जा रहा है अपने साथ कोटवार को एजेंट बनाकर बीपीएल कार्ड बनाने के नाम पर 4 से 5 हजार की राशि ली जा रही है। क्षेत्र में अपात्रों को बीपीएल के श्रेणी में परिवर्तित कर शासन को धोखे में रखा जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों का कारनामा क्षमा योग्य नहीं है चंद्र सिंह मरावी के द्वारा जारी किए गए सभी बीपीएल श्रेणी के परिवारों की जांच आवश्यक है। और विभिन्न न्यायालयीन फैसले की जांच आवश्यक है ।