मोजर बेयर प्रभावित गांव को गोद लेकर नही किया एहसान, बल्कि खजाने में किया इजाफा
*ग्रामीणों द्वारा खस्ता हाल सड़क नवनिर्माण हेतु कई शिकायत के बावजूद प्रशासन अनभिज्ञ*
अनूपपुर
अनूपपुर/जिले के जैतहरी नगर में स्थापित मोजर बेयर पावर प्लांट जो की विद्युत उत्पादन करके अन्यत्र विक्रय करते हुए अपनी खजाना में इजाफा कर रहा है मोजर बेयर स्थापना के समय इस क्षेत्र के काफी गांव प्रभावित हुए जिन्हें नियम और शर्त के अनुरूप बिजली पानी शिक्षा सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं निशुल्क प्रदाय करने का प्रावधान है। परंतु जैसे ही इनका चारों ओर से रेखा खींचकर दीवारें खड़ी हो गई वैसे ही मनमाना रवैया भी प्रारंभ हो गया प्रभावित गांवों को इनके द्वारा नजर अंदाज करते हुए किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधा देने में अनदेखा किया जा रहा है क्या प्रभावित गांवों को गोद लेकर इन्होंने एहसान किया है नहीं बल्कि अपनी तिजोरी भरने में इजाफा किया है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत भी कलेक्टर महोदय के समक्ष की गई परंतु प्रशासन भी मोजर बेयर प्रबंधन के आगे नतमस्तक दिखाई पड़ी आखिर क्यों यह कह पाना बड़ा मुश्किल है..?
*मामला अमगवां पहुंच सड़क मार्ग का*
जनपद पंचायत जैतहरी जिला अनूपपुर वार्ड क्रमांक 19 के जनपद सदस्य चंद्र प्रकाश जायसवाल एवं ग्रामीणों ने अपना लिखित आवेदन पूर्व कलेक्टर एवं वर्तमान कलेक्टर को देकर के अवगत कराया गया था की जैतहरी से अमगवां पहुंच मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण सन 2011-12 में की गई थी जिसका अंश भाग लगभग डेढ़ किलोमीटर मोजर बेयर प्रबंधन के अंदर आ रहा था जिसे अधिग्रहित भी कर लिया गया और उसके स्थान पर बाहर से अंश भाग सड़क निर्माण मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण एवं पीआईयू की सहमति से सड़क को मोजर बेयर प्रबंधन को दिया जाकर आदेशित किया गया कि उक्त निर्माण कार्य करें और जिसका निर्माण कार्य भी प्रबंधन द्वारा औपचारिकता पूर्ण करके लीपापोती गुणवत्ता विहीन सड़क बना दिया गया। जो कुछ समय बाद ही अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने लगा महज कुछ वर्षों में ही बरसात के पानी पढ़ते ही गड्ढे में तब्दील हो गया। अब मोजर बेयर प्रबंधन मेंटेनेंस के नाम पर उक्त पक्की डामरीकरण सड़क में मुरूम डालकर पक्की सड़क को कच्चे में तब्दील कर पल्ला झाड़ रहा है जब इस संबंध में कलेक्टर महोदय के समक्ष शिकायत की गई तो प्रशासन भी प्रबंधन के तगड़े मैनेजमेंट के आगे नतमस्तक अनभिज्ञ दिखाई पड़ रहा है।अगर ग्रामीणों के पक्ष में शासन प्रशासन ही उदासीन रवैया अपनाएंगे तो प्रभावित गांवों को गोद लेना और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना कहां संभव हो सकेगा। शिकायतकर्ता जनपद सदस्य एवं ग्रामीणों ने खस्ताहाल उक्त सड़क को पुनः निर्माण हेतु निवेदन किया गया है।