जिला अस्पताल बना रेफर सेंटर, डिलिवरी न कराने, निजी अस्पताल व मेडिकल कालेज करते हैं रेफर
*जनहित में पार्षद ने सीएमएचओ व कलेक्टर से की शिकायत*
अनूपपुर
रेफरर सेंटर के नाम से जाना जाने वाला जिला चिकित्सालय अनूपपुर में आये दिन मरीजों के परिजनो की शिकायत रहती हैं कि यहां गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी न कर ज्यादातर महिलाओं को जिला चिकित्सालय से शहडोल और मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है। अनूपपुर के वार्ड नंबर 2 के पार्षद अपने वार्ड की एक गर्भवती महिला को जिला चिकित्सालय अनूपपुर लेकर गए थे जहां डॉक्टर ने डिलीवरी न कर उसे शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। जिसकी शिकायत पार्षद ने कलेक्टर सहित मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी की हैं।
नगर पालिका अनूपपुर के अंतर्गत वार्ड नंबर 2 के पार्षद संजय चौधरी ने मुख्य शिक्षा स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत करते हुए बताया कि मेरे वार्ड का निवासी हीरा चौधरी ने अपनी पत्नी 22 वर्षीय सीमा चौधरी को 21 अक्टूबर को जिला चिकित्सालय में रात 8 बजे भर्ती कराया गया था। जिला चिकित्सालय के डॉक्टर और स्टाफ ने 2 घंटे परेशान किया और भ्रमित जानकारी करने के बाद कहा कि बच्चा मां के पेट का गंदा पानी पी गया बच्चा खतरे में है और यहां पर डिलीवरी नहीं हो सकती है, इसे शहडोल ले जाओ। परिवार निजी अस्पताल ले जाने में सक्षम नहीं था। परिजन गर्भवती महिला को शहडोल मेडिकल कॉलेज लेकर गए। जहां रात 11 बजे महिला की सामान्य डिलीवरी हो गई।
पार्षद संजय चौधरी ने आरोप लगाए की जिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं के साथ अभद्रता की जाती है। नॉर्मल डिलीवरी न कर उन्हें परेशान किया जाता है और अधिकांश गर्भवती महिलाओं को शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है।
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी एके अवधिया ने कहा कि रात में कौन से डॉक्टर ड्यूटी पर थे और किन वजह से गर्भवती महिला को रेफर किया गया था। डॉक्टर का पक्ष जानने के बाद ही मैं आपको जानकारी दे पाऊंगा।