किसानो के धान की फसल पूरी तरह हुई बर्बाद, कृषि व राजस्व विभाग कुंभकर्णी निद्रा में
शहड़ोल
एक ओर जहां मध्य प्रदेश की सरकार व केंद्र की सरकार दिन-रात किसानों के हित के लिए नित नई योजना बनाकर उन्हें मजबूत करने का के कार्य में लगी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर बैठे प्रशासनिक राजस्व विभाग व कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे, बल्कि किसानों के स्थितियों से अवगत होने के बाद भी प्रशासनिक अमले ने किसानों की सुध लेना जरूरी नहीं समझा, यह जीता जागता उदाहरण गोहपारू तहसील अंतर्गत देखा जा सकता है, जहां एक ओर किसानों के धान की फसल में व्यापक पैमाने पर रोग फैला हुआ है तो वहीं दूसरी ओर कृषि एवं राजस्व विभाग के कोई भी कर्मचारी किसानों के खेतों पर उनकी सुध लेने नहीं पहुंच रहे है, जिससे किसानों ने अपने को निरीह महसूस किया है पिछले सप्ताह समीक्षा बैठक में जिले के कलेक्टर केदार सिंह ने भी किसानो के काम में किसी भी प्रकार के हीलाहवाली नहीं के सख्त निर्देश दिए थे, उसके बावजूद इसके भी उन पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, कुछ दिनों पूर्व किसान मोर्चा के जिला महामंत्री रामनारायण मिश्रा ने सैकड़ो किसानों के साथ तहसील गोहपारू में पहुंचकर तहसीलदार को किसानो की स्थिति से अवगत भी कराया था, साथ-साथ यह भी मांग रखी थी कि खराब गुणवत्ता के बीज वितरण करने वाले दुकानदरों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही भी कराई जाए, मगर आज दिनांक तक कोई भी राजस्व व कृषि विभाग का कोई अधिकारी किसानों के खेतों में नहीं पहुंचा है और किसानो के धान की फसल बर्बाद हो चुकी है, रोग का असर व्यापक पैमाने पर ग्राम पंचायत सेमरा लामर अमझेर में सबसे ज्यादा हुआ है, क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि उनके खेतों का सर्वे करा कर उन्हें बीमा व आर्थिक सहायता राशि प्रदाय कराई जाए साथ-साथ किसानों ने यह भी मांग की है कि अल्पकालीन ऋण माफ किया जाए।