वसूलीबाज, गालीबाज परिवहन आरक्षक को परिवहन आयुक्त ने किया निलंबित
*उपनिरीक्षक मीनाक्षी गोखले पर भी होनी चाहिए कार्यवाही*
अनूपपुर
लोकतंत्र और लोकसेवक की नौकरी को शर्मसार करने वाली वसूली बाज गाली बाज महिला परिवहन आरक्षक द्वारा अनूपपुर जिला अन्तर्गत बरतराई स्टेट हाईवे पर पत्रकारों से बदसलूकी गाली गलौच की शिकायत व वीडियो वायरल होने के बाद मप्र सरकार ने कार्यवाही के संकेत दे दिये थे। परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला को परिवहन आयुक्त ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आपको बता दें लोकसेवा व मप्र की भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को लेकर बढ़ने वाली नौकरी में दशकों से अच्छा इजाफा हुआ है किंतु लोकसेवा की आड़ में ऐसे कर्मचारी, अधिकारी अब नियुक्त हो रहे हैं जो भ्रष्टाचार के एक बड़े तंत्र हैं। बीते दिनों ऋतु शुक्ला, मीनाक्षी गोखले महिला परिवहन उपनिरीक्षक कर्मचारी हाइवे पर कुछ राहगीरों से वसूली कर रहे थे जिसकी वीडियो आंचलिक पत्रकारों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया । इस वीडियो पर भड़कते हुए महिला कर्मचारियों ने शिष्टाचार और लोकसेवक से परे व्यवहार करते हुए पत्रकारों से गाली-गलौज करते हुए खासा बदतमीजी की जिसकी वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ इससे न सिर्फ किसी महिला, कर्मचारी अधिकारी की साख जाती है बल्कि ऐसी महिलाएँ एक पूरे महिला समाज की सभ्यता को कलंकित करती है। इस पूरे मामले का पड़ताल करते हुए संयुक्त परिवहन आयुक्त ने ऋतु शुक्ला को निलंबित कर दिया है। इसके पहले भी परिवहन चेक पोस्ट बैरियर पर दोनों कर्मचारी महिलाओं पर अवैध वसूली के आरोप लग चुके हैं। इनके खिलाफ दर्जनों शिकायते हो चुकी है। इन लोगो के खिलाफ ट्रक एसोसिएशन ने ज्ञापन भी सौप चुके हैं।
बरतराई स्टेट हाइवे ( रामनगर चेक पोस्ट ) के पास परिवहन विभाग प्रभारी सब इंस्पेक्टर बतलाई जा रही मीनाक्षी गोखले और आरक्षक ऋतु शुक्ला का दो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमे वे पत्रकारों के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए पत्रकारों को काम करने से रोकते हुए धमका रही हैं। वो दोनो पत्रकारों और पत्रकारिता की जमकर लानत - मलानत करते हुए उन्हे मारने दौड रही हैं और एस सी / एस टी एक्ट लगवाने की धमकी दे रही है।वरिष्ठ पत्रकारों ने इस पर आपत्ति करते हुए मांग की कि इस वायरल वीडियो की जांच हो और यदि इसमें सत्यता है तो नियमत: कार्यवाही होनी चाहिए । उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनका यह आचरण अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है। सम्पूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।