राष्ट्रभाषा बिना संस्कृति संरक्षण कोरी कल्पना - कवि संगम त्रिपाठी
जबलपुर
प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा के संस्थापक कवि संगम त्रिपाठी राष्ट्रभाषा अभियान सतत चला रहे हैं और इसी अभियान को ऊर्जा प्रदान करने हेतु 14 सितंबर 2024 को दिल्ली के जंतर मंतर में ऐतिहासिक सभा प्रदर्शित करने जा रहे हैं।
कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रभाषा बिना संस्कृति को संरक्षित रखना मुश्किल कार्य है। संस्कृत के विलुप्त होते ही हमारे रहन सहन में बदलाव आ गया है जो इस बात को प्रमाणित करता है।
दुनिया में हिंदी का परचम लहराने के पहले अपने देश में हिंदी को स्थापित करना मुख्य उद्देश्य हो तभी हम अपनी संस्कृति को समृद्ध बना सकते हैं अन्यथा सारी बातें कोरी कल्पना ही सिद्ध होगी।