सकोला आवास भ्रष्टाचार मामले में जनपद सीईओ ने सौंपा जांच प्रतिवेदन

सकोला आवास भ्रष्टाचार मामले में जनपद सीईओ ने सौंपा जांच प्रतिवेदन

*ग्रामीणों द्वारा रोजगार सहायक की कलेक्टर, सीईओ से की गई थी शिकायत*


अनूपपुर

जिले के अनूपपुर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऊषा किरण गुप्ता ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर को अपने प्रतिवेदन क्रमांक/1393/ज.पं./PMAYG/ 2014 माध्यम से अवगत कराया कि शिकायतकर्ता राजा सिंह पिता मम्मू सिंह निवासी ग्राम पंचायत सकोला के द्वारा शिकायत की गई कि एक ही समग्र परिवार आईडी से 02 हितग्राहियों को प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ अलग-अलग वित्तीय वर्षों में दिया गया है,तथा उक्त शिकायत जनपद सीईओ को राजा सिंह द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से दिया गया था।उक्त शिकायत की जाँच सुभाष सिंह सहायक विकास विस्तार अधिकारी जनपद पंचायत अनूपपुर के द्वारा कराया गया जिसके बाद उक्त जाँच में पाया गया है कि हितग्राही बंतूबाई कोल को वित्तीय वर्ष 2019-20 में एवं उसके पुत्र रवि प्रसाद कोल को वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ दिया गया है। बंतूबाई और उसका पुत्र रवि प्रसाद कोल दोनो एक ही परिवार समग्र आईडी में शामिल हैं।सामान्यतःएक समग्र परिवार को एक ही आवास का लाभ दिया जा सकता है,लेकिन ग्राम पंचायत सकोला द्वारा एक परिवार को दो बार आवास का लाभ दिया गया है।

*शिकायत के बाद नींद से जागा प्रशासन*

ग्रामीण सजन लाल द्वारा जिला पंचायत सीईओ तथा ग्रामीण राजेश साहू द्वारा जिला कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत देकर रोजगार सहायक रमेश विश्वकर्मा पर मजदूरी राशि भुगतान,निर्माण सामग्री राशि भुगतान,आवास दिलाने के नाम पर राशि की मांग,लैपटॉप खरीदी तथा प्रभारी सचिव के कार्यकाल के जांच की शिकायत की गई थी।ग्रामीण महिलाओं ने भी रमेश विश्वकर्मा द्वारा जबरदस्ती सीएम हेल्पलाइन बंद करवाने के लिए शिकायतकर्ता को धमकी देने के साथ अभद्रता तथा उल्टी सीधी बाते करते हुए अपमानित किये जाने,दिव्यांग ग्रामीण राजबली यादव द्वारा आवास योजना का लाभ देने के लिए 10000/रु. की मांग किए जाने के साथ ही बैंक ले जाकर खाते से पैसा निकलवाकर स्वयं रख रिश्वत के रूप में मजदूरी का पैसा लेने की शिकायत के अलावा जनपद अध्यक्ष धनमती सिंह द्वारा सीईओ जनपद को लिखित में राजबली यादव की दयनीय स्थिति को देखते उसके पैसों को वापस किए जाने के साथ ही उसके शिकायत के निराकरण की बात कही गई थी।

*पांच को नोटिस,सिर्फ दो ने दिया जवाब*

जनपद अंतर्गत होने वाले जांच से भ्रष्टाचार उजागर होने के पश्चात जनपद सीईओ अनुपपुर द्वारा इस बात का स्पष्ट उल्लेख अपने प्रतिवेदन में किया गया है कि ग्राम पंचायत सत्यापन टीम जिसमे लव श्रीवास्तव (उपयंत्री), गोविंद सिंह पैकरा(सहायक विकाश विस्तार अधिकारी), शारदा पांडे(तत्कालीन पंचायत सचिव सकोला), चोखेलाल सिंह (तत्कालीन सरपंच,सकोला), रमेश विश्वकर्मा(ग्राम रोजगार सहायक) द्वारा सत्यापन कार्य में

लापरवाही बरतते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का कार्य किया गया है,जिसके बाद सत्यापन टीम के सभी अधिकारी/कर्मचारियो को कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया,जिस पर रोजगार सहायक रमेश विश्वकर्मा तथा उपयंत्री लव श्रीवास्तव द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत किया गया है। 

*सचिव और रोजगार सहायक की भूमिका संदिग्ध* 

प्रतिवेदन में जांच अधिकारी ने बताया कि वास्तविक रूप से मां और पुत्र दोनो अलग-अलग ही रहते हैं,और ग्रामसभा द्वारा भी इन्हे आवास देने की अनुसंशा की गई है।किंतु ग्रामसभा में उपस्थित ग्रामीण,पंच,सरपंच सभी उसी ग्राम पंचायत के निवासी होते है,तो क्या उनको यह मालूम नही था, कि उक्त परिवार आईडी में पहले से ही एक आवास स्वीकृत हो चुका है.?वैसे ग्रामीणों को न सही किंतु ग्राम सभा में उपस्थित पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को तो शासन द्वारा जारी आवास से संबंधित नियम मालूम होने के बावजूद भी ग्रामसभा द्वारा रवि कोल को आवास देने की अनुशंसा से रोका नहीं गया।जिससे कही ना कही ऐसा प्रतीत होता है,कि जानबूझकर सचिव और रोजगार सहायक द्वारा निजी स्वार्थ के उद्देश्य से शासन के नियमो को दरकिनार करते हुए नाम ग्रामसभा में आवास हेतु अनुसंशित किया गया.?प्रतिवेदन में जांच अधिकारी सुभाष सिंह द्वारा लेख किया गया है कि ग्राम पंचायतो में कई परिवारों में मांता पिता और पुत्र दोनो को आवास का लाभ दिया गया है,परंतु ऐसे प्रकरणों के मांता पिता और पुत्र की समग्र आईडी अलग होनी चाहिए।और ग्राम पंचायत को भी यह देखकर लाभ देना चाहिए।

*फर्जी शिकायत से असली दोषी हुए बेनकाब*

साथ ही सुभाष सिंह ने अपने जांच में लिखा है कि शिकायतकर्ता द्वारा अपनी ही शिकायत को फर्जी करार दिया गया है,तो फिर भला उसी फर्जी शिकायत को आधार मानकर मामले की जांच क्यों की गई.?और भी कई शिकायते थी जो पूर्व में ग्रामीणों द्वारा की गई थी।और सबसे मजे की बात तो यह है कि उसी फर्जी शिकायत के द्वारा ग्राम पंचायत सकोला में एक परिवार आईडी में दो लोगो को आवास दिए जाने संबंधी भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा तथा ग्राम पंचायत के आवास सत्यापन टीम के भ्रष्टाचार की पोल खुली।जिसमे ग्राम रोजगार सहायक,तत्कालीन सचिव,उपयंत्री,तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी तथा तत्कालीन सरपंच भी शामिल है।

*इनका कहना है*

सकोला पंचायत में एक परिवार में दो लोगो को आवास के मामले में हमारे द्वारा जांच कराकर उक्त मामले में जिम्मेदारों को नोटिस जारी किया गया था,किंतु दो लोगो द्वारा ही जवाब प्रस्तुत किया गया है।जिसके बाद हमारे द्वारा प्रतिवेदन बनाकर जिला पंचायत में दे दिया गया है,आगे की कार्यवाही वही से होगी।

*ऊषा किरण गुप्ता, सीईओ,जनपद पंचायत अनूपपुर*

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