डिप्टी रेंजर आरोपी को बचाकर शिकायतकर्ता को षडयंत्र रचकर फंसाने की कर रहा है साजिश

डिप्टी रेंजर आरोपी को बचाकर शिकायतकर्ता को षडयंत्र रचकर फंसाने की कर रहा है साजिश

*अजगर को मारने वाला बचा रहा हैं डिप्टी रेंजर, स्थानांतरण की उठी मांग*


वन परिक्षेत्र कोतमा सर्किल लतार ग्राम कोटमी जंगल आर एफ 442 की वन भूमि वन पौधे वन जीव तथा वन मुनारा को डिप्टी रेंजर के द्वारा अपने सहयोगियों को लगभग 20 लाख की फारेस्ट की वन भूमि में अतिक्रमण करा दी गई और  शासकीय सपति को भारी क्षति पहुंचाई है जिसको लेकर लगातार शिकायत संबधित अधिकारियो तक की जा रही है मगर वरिष्ठ अधिकारियो के द्वारा खबर को अनदेखा करने से डिप्टी रेंजर विनोद कुमार मिश्रा का भ्रष्टचार करने में हौसला बुलंद हो गया है  जिसके चलते डिप्टी रेंजर के द्वारा नए नए हथकड़े अपनाकर अपने चहेते सहयोगियों के साथ मिलकर वन अपराध में वन भूमि में अतिक्रमण वन पौधे की अवैध कटाई तथा वन जीव जन्तु को हत्यारा को बचाने एव वन मुनारा को नष्ट करने के वन अपराधियों को बचाने में अपना सहयोग निभाते है जिसके वजह से जंगल में अपराध का ग्राफ बढ़ते ही जा रहा है और अपराधियो के द्वारा अपराध करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है

कोटमी जंगल की वन मुनारा क्रमांक 08 को तोड़कर कर नष्ट कर दी गई है उक्त मुनारा के संबध में शिकायत की गई है उक्त मुनारा में अधिकारियो द्वारा ध्यान तथा अंकुश नहीं लगाया तो कुछ ही दिनों में मुनारा क्रमांक 08 को परिवर्तन करने में सफल हो जाते, इसके पूर्व में कोटमी जंगल की वन मुनारा 04 और 06 को परिवर्तन किया जा चुका है जहा पर आए दिन विवाद निर्मित होती है 

डिप्टी रेंजर के ही जरिए वन अपराधी फल फूल रहे है और जंगल में आय दिन जंगल की क्षति पहुंचाई जाती है जिस संबंध में पूर्व डिप्टी रेंजर विनोद कुमार मिश्रा के द्वारा मनमानी तथा जंगल की नुकसान को लेकर डिप्टी रेंजर के  विरूद्ध हरी प्रसाद यादव के द्वारा पेड़ पौधे अवैध कटाई को लेकर वन मंडलाधिकारी अनूपपुर को दिनांक 20 फरवरी 2024 को शिकायत की गई थी जिसमे लोकल जांच टीम अधिकारियो को मैनेजमेंट कर मामला को पूरी तरह से छिपाने प्रयास किया गया यहां तक की डिप्टी रेंजर के द्वारा अपने सहयोगियों से जंगल की अवैध कटाई के सराई के ठूठ में आग लगवाकर ठूठो को पुराना बनाने की भी प्रयास किया गया जिसमे जांच टीम के शिकंजे के आगे असफल हो गए वन परिक्षेत्र कोतमा डिप्टी रेंजर वन रक्षक अवैध कटाई में लगभग 3 लाख से ऊपर की शासकीय समाप्ति की नुकसान हुई थी

मगर डिप्टी रेंजर के द्वारा अपने पद प्रभाव का इस्तेमाल कर एसटीएफ टीम से साठ गांठ कर लाखो के नुकसान को कम  नुकसान बताकर 77 हजार 740 रुपए मात्र जांच टीम शहडोल द्वारा वसूली बनाया है जंगल की क्षतिग्रस्त होने के बाद भी वही अधिकारी कर्माचारी डिप्टी रेंजर उसी सर्किल में आज भी पदस्थ है जिस सर्किल में रहकर इतना बड़ा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है और लगातार जंगल की सुखी सरई इमरती लकड़ी को अवैध कटाई कराई जाती है जिससे जंगल में पेड़ पौधे कम होते जा रहे है सर्किल प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा कई वर्षो से एक ही स्थान पदस्थ होने से कोटमी धुरवासिन लतार जंगल को भारी क्षति हो रही है वरिष्ठ अधिकारी को अपने संज्ञान मे लेकर लतार डिप्टी रेंजर विनोद कुमार मिश्रा को  तत्काल प्रभाव से तबादला करने की आवश्कता है

शिकायतकर्ता को फसाने डिप्टी रेंजर ने की साजिश अपने वन भूमि अतिक्रमणकर्ता से मिलकर तथा झूठा गवाह तैयार कर मनगढ़ंत षडयंत्र रच कर फसाने की साजिश की जा चुकी है कुछ दिन पहले एक मामला ग्राम कोटमी जंगल का सामने निकल कर आया है जहा पर वन परिक्षेत्र कोतमा अंतर्गत आर एफ 442 ग्राम कोटमी के जंगल में अजगर को मार कर जंगल के सीपीटी गड्ढे में फेक दिया गया था जहा पर मुखबिर के सूचना उपरांत वन मंडल अधिकारी अनूपपुर के दिशा निर्देश अनुसार वन परिक्षेत्र कोतमा अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर अजगर की सर्प की शरीर की पूरी पैट्स की हड्डी को घटना स्थल पाया गया है मगर  डिप्टी रेंजर के द्वारा अजगर के मारने वाले मुख्य हत्यारा को बचा कर डिप्टी रेंजर पुरानी रंजिश को बदले के रूप में हरी प्रसाद यादव के विरोधियों से मिलकर अजगर मारने की झूठा आरोप लगाकर गवाह तैयार कर फसाने की साजिश की जा रही है 

अजगर का मुख्य हत्यारा के संबंध में सर्किल प्रभारी डिप्टी रेंजर वन रक्षक वन परिक्षेत्र कोतमा को जानकारी और सच्चाई तक पहुंच गई है मगर मुख्य आरोपी को बचाने की भरसक प्रयास की जा रही है और अजगर के हत्यारा को डिप्टी रेंजर के द्वारा हरी प्रसाद यादव से बदले लेने के लिए विरोधियों को गवाह बनाकर फसाने की मनगढ़ंत जाल साजिश षडयंत्र रचकर फसाने की साजिश की जा चुकी है हरी प्रसाद यादव  के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा चुकी है जिसकी सूचना वन मंडलाधिकारी अनूपपुर को सूचना संप्रेषित कर दी गई है अब देखना होगा की अजगर को मारने वाले मुख्य आरोपी हत्यारा को पकड़ने में कितना सक्षम  होती है यह तो वन विभाग कटघरे में है।

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