भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करना पड़ा भारी, न्यायालय ने किया दोषमुक्त

भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करना पड़ा भारी, न्यायालय ने किया दोषमुक्त 


अनूपपुर

जिले के राजनगर क्षेत्र के पत्रकार अमित सेनगुप्ता उम्र 27 वर्ष के निवास बाबू लाइन क्वार्टर नम्बर 07 पर कुछ मुखबिरों की सूचना पर पुलिस की दस्तक दी गयी। खोजबीन के दौरान उनके यहां से कुछ एल्युमिनियम के दरवाजे, खिड़कियां और कटर मशीन की बरामदगी हुई जिसको लेकर तत्काल समय मे अमित को दस्तावेजों को खोजने का समय नहीं मिल पाया और अखबारों ने द्वेषवश चोरी के अपराध में उनके नाम का कुप्रचार किया। 

*न्यायालय ने किया दोषमुक्त*

घटनाक्रम के ठीक 3 दिवस उपरांत जब अमित सेनगुप्ता ने पुलिस द्वारा जप्त किए गए अपने समस्त सामान के वैधानिक दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए तो न्यायालय ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर समस्त जप्त की गई सामग्रियों के सुपुर्दगी का आदेश जारी किया व पत्रकार अमित सेनगुप्ता को दोषमुक्त करार किया।

भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने की सजा भोग रहा*

अखबार का प्रतिनिधि ने जब अमित से घटनाक्रम पर बात किया तो उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने की वजह से उनकी ये बदनामी की गई। उन्होंने बताया कि वह एक सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ता है व शासकीय भ्रष्टाचार के तमाम सबूत आरटीआई से प्राप्त कर अपने पास सुरक्षित रखे है व उसको उजागर करने के लिए सही वक्त की तलाश कर रहे है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी ये लड़ाई शासकीय कार्यालय में मौजूद भ्रष्टाचार करने वाले दलालों को नागवार गुजरी जिसके फलस्वरूप उनकी ये बदनामी करने की कोशिस की गई। जो भी सामान उनके पास से पुलिस को मिले थे उनके सारे वैध दस्तावेज उनके पास मौजूद थे जिसकी वजह से ही न्यायालय ने उन्हें दोषमुक्त किया।

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