तहसीलदार की गिरफ्तारी के विरोध में तहसीलदारों का कलमबंद हड़ताल शुरू
*पटवारी संघ ने भी प्रमुख सचिव राजस्व के नाम ज्ञापन सौंपकर जताया विरोध*
अनूपपुर
फर्जी वसीयतनामे के मामले में जबलपुर में तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी के विरोध में 19 सितम्बर से जिले के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी। वहीं गुरूवार को मप्र पटवारी संघ ने भी प्रमुख सचिव राजस्व के नाम ज्ञापन सौंप कर जबलपुर पटवारी संघ के जिलाध्यरक्ष पर मामला दर्ज करने पर अनुचित कार्रवाई करार दिया।
तहसीलदार संघ ने बताया जबलपुर जिले में फर्जी वसीयतनामा के आधार पर तहसीलदार व पटवारी पर कार्यालय में पदस्थ महिला कंप्यूटर ऑपरेटर के पिता के नाम पर एक हेक्टेयर से अधिक जमीन सरकारी दस्तावेजों में दर्ज कराने का आरोप था। मामले में अनुमति के बाद कार्रवाई होना बताया हैं। अनूपपुर तहसीलदार अनुपम पांडेय ने बताया कि जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक हम अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे। अनूपपुर जिले की चारो तहसीलो में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल के कारण खाली पड़ी न्याोयालयों में परेशान किसान अपने काम के लिए भटक रहा हैं।
ज्ञात हो कि जबलपुर जिले के अधारताल तहसीलदार धुर्वे पर कलेक्टर के निर्देश पर एफआइआर दर्ज कराई गई थी। बताया गया था कि धुर्वे ने 54 साल पहले की फर्जी वसीहत के जरिए एक रैगवां की ढाई एकड़ जमीन का नामांतरण कर दिया था। यह काम पटवारी जागेंद्र पिपरे, कार्यालय में पदस्थ कप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे के साथ मिलकर किया गया। मामले में एसडीएम शिवाली सिंह ने तहसीलदार, पटवारी, ऑपरेटर के साथ जमीन खरीदारों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने की धाराओं में थाने में प्रकरण दर्ज कराया था।
वही मप्र पटवारी संघ ने कार्रवाई को अनुचित करार दिया। इसके लिए बुधवार को प्रदेशभर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने एसडीएम को राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन दिया। कहना है कि राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारी के रूप में काम करते हैं। इस तरह उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करना और गिरतारी नियमों के विपरीत है। तहसीलदार अनुपम पांडेय ने बताया कि हम सभी गलत के साथ नहीं हैं, लेकिन जबलपुर जिला प्रशासन की ओर से इस कार्रवाई में अपनाई गई प्रक्रिया के खिलाफ हैं। एसडीएम और तहसीलदार क्लास-2 अधिकारी हैं। एक अधिकारी दूसरे पर एफआइआर कैसे दर्ज करवा सकता है। इसके लिए भी राजस्व मंत्री का अनुमोदन जरूरी है।