परिवहन आरक्षक पर कार्यवाही, उपनिरीक्षक मीनाक्षी गोखले अभयदान आखिर क्यों?

परिवहन आरक्षक पर कार्यवाही, उपनिरीक्षक मीनाक्षी गोखले अभयदान आखिर क्यों?

*मुख्य सरगना पर इतनी मेहरबानी, आखिर क्यू बचा रही है विभाग*


अनूपपुर

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार लाख दावे और वादे करले की प्रदेश में कानून का राज कायम होगा लेकिन धरातल पर यह अपनी वास्तविकता से कोसों दूर खड़ा दिख रहा है ।प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उनके रखवाले ही उड़ाते जा रहे हैं जिस पर किसी तरह की रोकथाम होती नहीं दिख रही है शायद यह बात मंचों से भाषण के रूप में ही अच्छी लगती हैं कि हम अपने राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखेंगे, लेकिन प्रदेश में जगह-जगह कानून कि धज्जी प्रतिदिन उड़ रही है ।तो क्या प्रदेश की मोहन सरकार के यह वादे मुंगेरीलाल के सपने बनकर तो नहीं रह जाएंगे ।प्रदेश में भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है तथा भ्रष्टाचारियों को मिल रहे संरक्षण एवं अभयदान से उनके हौसले भी बुलंद हैं तो क्या कानून केवल गरीब एवं कमजोर लोगों के लिए ही कारगर साबित होता है या ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कभी कानून का शिकंजा कस पाएगा। कार्यालय हो या सड़क भ्रष्टाचारी अपना मुंह खोल सभी जगह खड़ा है जैसे ही कमजोर व्यक्ति निकलता है तो भ्रष्टाचारियों रूपी या रक्षक उसको निगलने में कोताही नहीं बरत रहा है।

*आरक्षक उपनिरीक्षक की बीच सड़क गुंडागर्दी*

यह मध्य प्रदेश के निवासियों का दुर्भाग्य है कि जब प्रदेश की सड़क खराब रहती हैं तो उनको धूल के गुबार तथा डस्ट का सामना करना पड़ता है लेकिन जैसे ही सड़क सही हो जाती हैं उसके बाद रोड में खड़े परिवहन अधिकारियों की गुंडागर्दी का सामना करना पड़ता है इन दिनों सोशल मीडिया पर अनूपपुर जिले के आरटीओ चेक पोस्ट बरतराई में पत्रकारों के साथ परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला एवं उड़न दस्ता प्रभारी मीनाक्षी गोखले की पत्रकारों को खुलेआम गाली गलौज चर्चा का विषय बनी हुई है कि आखिर एक अधिकारी वह भी महिला अपनी सभ्यता और लज्जा कैसे भूल सकती है सोशल मीडिया पर छाए वीडियो में पत्रकारों को परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला द्वारा खुलेआम मां बहन की गलियां दी जा रही है इतना ही नहीं उस पर पत्रकारों को यह कहा जा रहा है कि तुम जैसे पत्रकार ₹100,100 में बिकते हैं और ज्यादा करोगे तो हम महिलाएं हैं डायल 100 बुलाकर तुम्हारी ऐसी की तैसी करके रख देंगे इससे भी काम नहीं हुआ तो दे देंगे धक्का तो मर जाओगे तो क्या मोहन सरकार के अधिकारीअब अधिकारी नहीं गुंडे हो चुके हैं जो राह चलते लोगों को लूटने तथा उनकी मां बहन करने के लिए नियुक्त किए गए हैं।

*परिवहन आरक्षक की बदजुबानी*

यह पूरी घटना 14 सितंबर 2024 दिन शनिवार की है दो पत्रकार मुनेंद्र यादव और इंद्रपाल यादव जब अपने पत्रकारिता के कार्य से बरतराई की तरफ जा रहे थे तो आरटीओ चेक पोस्ट बरतराई में उड़न दस्ता परिवहन विभाग के द्वारा वाहनों की जांच की जा रही थी जैसे ही दोनों पत्रकार आरटीओ चेक पोस्ट बरतराई के पास पहुंचे तो वहां पर खड़े सादे कपड़े में व्यक्ति ने दोनों पत्रकारों से गाड़ी के कागज मांगे जिस पर उनके द्वारा कहा गया कि आप कौन हैं और हमसे गाड़ी के कागजात क्यों मांग रहे हैं यह कहकर दोनों वीडियो बनाने लगे जिसकी जानकारी उस व्यक्ति द्वारा वहीं कुछ दूर खड़ी परिवहन आरक्षक ऋतु शुक्ला एवं उड़न दस्ता प्रभारी मीनाक्षी गोखले को दी गई जिससे दोनों लोग आग बबूला हो गई और पत्रकारों को मां बहन की गाली तथा डायल 100 बुलवाकर ऐसी तैसी कर देंगे जैसे शब्दों का प्रयोग करते हुए धक्का मार देने तक की बात कही गई जिसे दोनों पत्रकारों ने वीडियो में सुरक्षित कर लिया ।जब यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आरक्षक ऋतु शुक्ला को निलंबित कर दिया गया लेकिन उड़न दस्ता प्रभारी मीनाक्षी गोखले को अभी तक निलंबित क्यों नहीं किया गया जिस तरह से ऋतु शुक्ला को निलंबित किया गया है इस तरह सभी पत्रकारों ने मीनाक्षी गोखले पर भी कार्यवाही की मांग की है।

*पहले भी पत्रकारों व अन्य से हो चुका है विवाद*

परिवहन आरक्षक रितु शुक्ला एवम उड़नदस्ता प्रभारी मीनाक्षी गोखले का इससे पहले भी कई बार पत्रकारों से ट्रांसपोर्टर एवं अन्य लोगों से विवाद हो चुका है इनकी विवादित कार्यप्रणाली के वजह से लोगों से इनका अक्सर विवाद होते रहता है उसके बावजूद परिवहन विभाग द्वारा ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई ठोस कार्यवाही न करना समझ से परे है।

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