रेत चोरी को रोकने, घर में घुसकर मारपीट के आरोप के बाद बढ़ा था विवाद दोनों पक्षो ने हुआ समझौता

रेत चोरी को रोकने, घर में घुसकर मारपीट के आरोप के बाद बढ़ा था विवाद  दोनों पक्षो ने हुआ समझौता

*कतन्नी को मिला है 100 ट्रेक्टर चोरी की रेत गिराने का आर्डर रेत माफियाओं में है जनचर्चा ?*


अनूपपुर

केवई नदी के बमुर घाट से रेत चोरी को रोकने गए रेत कम्पनी एसोसिएट कामर्स की फ्लाइंग की टीम और बमुर घाट से चोरी की रेत लेकर आ रहे कतन्नी के बीच हुए विवाद का मामला लहसुई गांव की सीमा तक जा पहुंचा था। गांव वालों ने रेत कम्पनी द्वारा कतन्नी के साथ अत्याचार का आरोप लगाए जिसपर कोतमा थाने पहुंचे भाजपा नेता मनीष गोयनका और युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुड़डू चौहान ने रेत कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा कतन्नी के घर मे घुसकर उंसकी माँ और बहन से अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाते हुए जिस तरह से थाने में रेत कम्पनी के मैनेजर शुभम सिंह सहित अन्य कर्मचारियो पर एफआईआर कराने का प्रयास किये वो मामला देर रात दोनों पक्षो के आपसी सुलह और समझौते के बाद पूरा विवाद ही टाँय टाँय फिस्स हो गया। देर रात दोनों पक्ष थाने पहुंचे व लिखित आवेदन देकर आपस मे कोई विवाद व शिकायत न होने व 4 भले लोगो की समझाइश के बाद कोई कार्यवाही न करने का सुलह समझौता कर लिए।

*मामला आपसी रंजिश का तो नही*

एसोसिएट कामर्स के कर्मचारियों और कतन्नी द्वारा रेत चोरी को रोकने पर हुए विवाद के बाद जिस तरह कोतमा थाने में करीब दो घण्टे गहमागहमी का माहौल देखने को मिला वो पुरानी रंजिश निकालकर रेत कर्मचारियों पर एफआईआर कराना मुख्य उद्देश्य था। ऐसी जनचर्चा कोतमा नगर में चल रही है। हम यह बिल्कुल भी नही कहते कि रेत चोरी को रोकने के दौरान रेत कर्मचारियों ने कतन्नी से मारपीट या विवाद न किये हो। या कतन्नी ने रेत कर्मचारियों से मारपीट व वाहन में तोड़फोड़ न किये हो। मगर जिस तरह मैनेजर शुभम सिंह पर कतन्नी के घर मे घुसकर महिलाओं से अभद्रता व मारपीट के आरोप लगाए गए। वो आरोप पूरा निराधार है सूत्रों का कहना है कि घटना के दौरान मैनेजर शुभम सिंह थाने में ही मौजूद था। विदित होकि रेत कम्पनी के मैनेजर शुभम सिंह ने दो महीने पहले ही कुछ लोगो द्वारा खुद पर झूंठी एफआईआर कराने की शंका की एक लिखित शिकायत भी कोतमा थाने में की थी। जिसपर भी कोतमा पुलिस को जांच करना चाहिए कि कोतमा नगर में आये दिन रेत कम्पनी का सिर्फ कुछ लोगो से ही क्यों विबाद हो रहा है। और दोनों पक्षो पर बार बार क्यूँ एफआईआर हो रही है। कही यह मामला रेत ठेके को लेकर आपसी रंजिश का तो नही है। 

*100 ट्रेक्टर चोरी की रेत गिराने का*

दरअसल रेत चोरी और अन्य अपराधों को लेकर मो,इस्तियाक उर्फ कतन्नी के खिलाफ कोतमा थाने में दर्जनों अपराध दर्ज है। व जिला बदर की कार्यवाही भी कलेक्ट्रेट कार्यालय में लंबित है। रेत चोरी के दौरान कोतमा मण्डल महामंत्री नन्हू गुप्ता सहित पत्रकारों से कतन्नी के विवाद का मामला भी कोतमा थाने में जांच प्रक्रिया में है। पूरे साल कतन्नी दिन रांत कर एक या दो ट्राली केवई नदी के बमुर घाट, इमली घाट,चंगेरी घाट से रेत चोंरी कर बीच बाजार में बेचने में भी नही झिझकता। सारे रेत चोरों की भले गाड़ी खड़ी हो जाये मगर कतन्नी की ट्रेक्टर कभी खड़ा नही होता। जिस कारण उंसकी मुखबिरी भी ज्यादा होती है। भले दुनिया की नजर में कतन्नी रेत चोर हो मगर जिन्हें सस्ती रेत देता है। उनके लिए तो वो समाजसेवक ही है। जनचर्चा है कि रेत कम्पनी ने आये दिन चंगेरी खदान में विवाद करने वाले कुछ वाहन मालिकों के वाहनों को रेत न देने का मूड बनाकर ब्लैकलिस्टेड कर दिए हैं। जिसके कारण नगर में चल रहे बड़े निर्माण कार्यो में बरसात के कारण रेत की किल्लत चल रही है। ऐसे में कतन्नी को 100 ट्रेक्टर चोरी की रेत गिराने का आर्डर किसी ठेकेदार ने दिया है। ऐसी रेत माफियाओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिंसमे कम्पनी का नुकसान होने पर कतन्नी के ट्रेक्टर की मुखबिरी व धरपकड़ की जा रही है। जिस कारण विवाद के बाद आपसी समझौता हुआ है ऐसी नगर में जनचर्चा है।

*इनका कहना है।*

रेत कम्पनी के मैनेजर शुभम सिंह थाने आकर यह सूचना दिए थे कि हमारे कर्मचारियों के साथ मारपीट हो रही। विवाद के दौरान वो घटना स्थल पर थे या नही यह स्पष्ट नही है। मगर वो किसी महिला के साथ अभद्रता नही कर सकते। अब चूंकि दोनों पक्षो ने आपसी समझौता कर लिया है। नही तो हम जांचकर शिकायत की तस्दीक कर लेते।

*सुन्द्रेश मरावी, थाना प्रभारी, कोतमा*

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