प्रस्तावित तहसील में नही होंगे शामिल, सरपंच व ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, सौपा ज्ञापन
*प्रस्तावित परसीमन का किया विरोध उग्र आंदोलन की दी चेतावनी*
अनूपपुर
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बिजुरी उप तहसील को पूर्ण रूप से तहसील का दर्ज की घोषणा के बाद जिला प्रशासन द्वारा परिसीमन की कार्यवाही की जा रही है। जिसके विरोध में 15 ग्राम पंचायत के सरपंच तथा ग्रामीणों ने प्रस्तावित बिजुरी तहसील में शामिल होने का विरोध करते हुए कोतमा अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
सौंपे गये ज्ञापन में कहा हैं कि कोतमा तहसील जो पूर्व से संचालित है को तोड़कर प्रस्तावित बिजुरी तहसील बनाया जाना है। जिसमें कोतमा से लगी कई ग्राम पंयायते जैसे पोडी-चोड़ी, दारसागर, भाद, शिकारपुर, पयारी नं0-02, सोहीबेलहा, बाड़ीखार, निमहा, चुकान, बरतराई, आमाडांड, मलगा, टांकी, खौड़ी नं. 02, उरा कोतमा तहसील से लगी हुई है, जिससे ग्रामीणों व कृषको को 05 से 10 किलोमीटर कोतमा जाते हैं अब 40 किलोमीटर बिजुरी जाएगें जिससे समस्त ग्रामवासी एवं किसानो को आने जाने में समय व धन की बरबादी होगी। प्रस्तावित तहसील में आमाडांड सहित 14 ग्राम पंचायतो को कोतमा में ही सम्मलित रहने दिया जाये जिससे ग्रामीणो को कार्य सुगमता रहेगी। इन गांवो का परिसीमन बिजुरी तहसील के लिए किया जाता है तो समस्त ग्रामवासी उग्र आंदोलन करेगें एवं आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भी भारी नुकसान होने की संभावना रहेगी।
इस दौरान दारसागर सरपंच पाल सिंह, आमाडांड सरपंच शंकर सिंह, बरतराई सरपंच कुंवर सिंह, बाड़ीखार सरपंच रामखेलावन सिंह, सोहीबेल्हा सरपंच सीताराम सिंह, भाद सरपंच चन्द्रभान सिंह, खौड़ी नं0-02 सरपंच श्यामलाल पाव, टाकी सरपंच गीता ललन सिंह, शिकारपुर सरपंच ज्योती रेवा सिंह, पकरिहा सरपंच संतोष सिंह, बदरा सरपंच शिवभान सिंह सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे।