4 वर्ष पूर्व रिटायरमेंट हुए प्लांट इंचार्ज को बनाया प्रोडक्शन मैनेजर

4 वर्ष पूर्व रिटायरमेंट हुए प्लांट इंचार्ज को बनाया प्रोडक्शन मैनेजर

*गैस रिसाव का जिम्मेदार प्रोडक्शन मैनेजर पर हो मामला दर्ज*


शहडोल

सोडा कास्टिक यूनिट ओरिएंट पेपर मिल में गैस रिसाव का रिहायसी इलाके में फैलने के कारण का हुआ खुलासा। सूत्रों के मुताबिक और जानकारी के अनुसार बरगवां अमलाई के सोडा कास्टिक यूनिट में कुछ दिनों पूर्व हुए गैस रिसाव को लेकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी उद्योग के कर्मचारियों के मुंह से निकलकर पब्लिक प्लेस में खुलासा हुआ है की उद्योग के कार्मिक प्रबंधक जी एम अविनाश कुमार वर्मा के द्वारा जैसी ही जानकारी गैस रिसाव की प्राप्त हुई तत्काल उद्योग के प्रोडक्शन मैनेजर को उद्योग का संचालन बंद करने को कहा गया और संबंधित विभाग के इंजीनियर इंचार्ज और प्रोसेस विभाग के कर्मचारियों को तत्काल गैस रिसाव को रोकने के लिए आदेश दिए गए।

किंतु प्रोडक्शन मैनेजर के द्वारा अपने लापरवाही पूर्ण औरअड़ियल रवैया के कारण जानबूझकर एक छोटी सी गैस रिसाव की घटना को बड़ा रूप प्रदान कर दिया गया जानकारों का कहना है कि एक तो चार वर्ष पूर्व रिटायरमेंट हुए उद्योग के प्रोडक्शन मैनेजर कंपनी नियमों के आधार पर उपयुक्त ना होते हुए अपनी नौकरी के 60 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं जिसके कारण यह उद्योग के नियम के अनुसार अनफिट कर्मचारी माने जाएंगे लेकिन इस तरह इनके साथ और कई ऐसे अधिकारी कर्मचारी हैं जिन्हें रिटायरमेंट होने के बावजूद भी उद्योग में कार्य पर रखा गया है ऐसे में कंपनी प्रबंधन क्या करना चाहती है और क्या दिखाने का प्रयास कर रही है ऐसा प्रतीत होता है कि इन रिटायरमेंट कर्मचारियों और अधिकारियों को रखकर कम वेतन मांन में अधिकतम कार्य की उम्मीद लगाए बैठा है है जो इनके लिए समस्या का कारण भी बन सकता है और बन भी गया क्योंकि जी एम आदेश के बावजूद उद्योग का संचालन तत्काल ना बंद करते हुए क्लोरीन गैस को फैलने का अवसर दिया गया जिससे बाहर रिहायसी इलाके में निवासरत आबादी में भगदड़ होने के साथ गैस की चपेट में भी आ गए और प्रशासनिक अम्ल के साथ स्थानीय जन भी इस घटना से अछूते नहीं रहे।

*कौन है प्रोडक्शन मैनेजर।*

सोडा कास्टिक यूनिट में कार्य करने वाले एक एक प्लांट के इंचार्ज ए के पुरोहित जो की रिटायरमेंट होने के बावजूद उद्योग के अंदर प्रोडक्शन मैनेजर के तौर पर अभी भी डटे हुए हैं औद्योगिक नियमों के अनुसार अपने कार्य की 60 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बावजूद उद्योग में ऐसे कर्मचारी और अधिकारी को कार्य पर नहीं रखा जाना चाहिए जिनकी शारीरिक क्षमता का क्षय हो चुका हो फिर भी उद्योग के द्वारा ऐसे कर्मचारियों को और अधिकारियों को बचत करने के नाम पर कार्य पर रखा गया है ऐसी स्थिति में अगर कोई घटना और दुर्घटना होती है तो जिम्मेदार कौन होगा।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह भी पता चला है कि इस उद्योग के अंदर कार्यरत कुछ ऐसे कर्मचारी और अधिकारी भी है जिनके द्वारा संध्या काल के बाद नशे की लत में रहने के आदी भी हैं जिनके द्वारा शराब का सेवन कर उद्योग के अंदर कार्य में देखे जा सकते हैं और इस सच्चाई की पुष्टि उनके कार्य के दौरान मेडिकल जांच के आधार पर ही की जा सकती है और जिस दिन गैस रिसाव की घटना हुई है उस दिन भी पता चला है कि प्रोडक्शन मैनेजर के द्वारा शराब का सेवन कर आराम फरमाया जा रहा था अचानक गैस रिसाव की घटना को सुनकर आनन फानन में अपने आप को बचाने के लिए उद्योग के जी एम आदेश को भी अनसुना कर दिया गया। गैस हिसाब होने के बाद आधे घंटे तक उद्योग का सायरन भी नहीं बजाया गया था और जैसे ही वहां बसी आबादी के बीच भगदड़ व खलबली मची तो अपने आप को प्रशासनिक कार्रवाई से बचाने के लिए सायरन बजाया गया।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget