सिविल सर्जन पर महिलाकर्मी ने कार्यस्थल पर असुरक्षित रहने का लगाया गंभीर आरोप

सिविल सर्जन पर महिलाकर्मी ने कार्यस्थल पर असुरक्षित रहने का लगाया गंभीर आरोप

*सिविल सर्जन ने दी धमकी, पति पत्नी को साथ में काम करने नहीं दूंगा*


शहडोल

जिला चिकित्सालय में रेडियोग्राफर के पद पर कार्यरत महिलाकर्मी ने राज्य महिला आयोग और म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग सहित अजाक थाना शहडोल में पत्र भेजकर कार्यस्थल पर असुरक्षित रहने की जानकारी दी है, यही नहीं महिलाकर्मी ने सिविल सर्जन व दंत चिकित्सक डॉ. जी.एस. परिहार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। आमतौर पर ऐसे आरोप लगने के बाद प्रशासन सक्रिय हो जाता है या फिर खुद ऐसे सार्वजनिक पद पर आसीन पदाधिकारी पद और नैतिकता के आधार पर आगामी जांच व निष्कर्ष तक पद से किनारा कर लेते हैं, लेकिन इस मामले में महिलाकर्मी के द्वारा संगीन आरोप लगाये जाने के बाद भी दंत चिकित्सक से सिविल सर्जन बने डॉ. जी.एस. परिहार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

*मैं जो कहुं वैसा ही करो*

पूजा दीवान पत्नी आशीष कुमार दीवान जो की 11 मार्च 2024 से जिला चिकित्सालय शहडोल में रेडियोग्राफर के पद पर कार्यरत हु यह की मेरी नियुक्ति उपरांत से ही सिविल सर्जन डा जी एस परिहार द्वारा प्रात: निरीक्षण के दौरान मेरे अन्य सहकर्मियों की गैर मौजूदगी में कई बार आकर यह कहा गया की मेरे कहे अनुसार करो और मैं जो कहुं वैसा ही करो और अपने पति को समझाओ की मेरे कहे अनुसार काम करे नहीं तो, दोनों को यहाँ साथ में नौकरी नहीं करने दूंगा, नियुक्ति उपरांत से ही मेरे प्रति सिविल सर्जन का व्यवहार और नियत मुझे ठीक नहीं लग रहा था जिससे व्यथित होकर मैंने मेरे पति से सारी बात बताई जिसके बाद मेरे पति और सिविल सर्जन की बहस हुई और पुन: सिविल सर्जन द्वारा धमकी दी गई की तुम्हे यहाँ तुम्हरी बीवी के साथ काम नहीं करने दूंगा।

*सिविल सर्जन से बनाकर रखो*

एक्स-रे फिल्म की मांग हेतु स्टोर जाने पर स्टोर कर्मचारी धर्मेंद्र नामदेव द्वारा कई घंटो तक अनावश्यक रूप से बैठा कर रखा जाता है एक्स-रे कक्ष में भीड़ है और भी कई काम है, मुझे एक्स रे फिल्म देकर जल्दी जाने दीजिये कहे जाने पर आपत्तिजनक बातें कही जाती है की यही बैठो वहां बाकि लोग काम कर लेंगे आपको जो भी सामान जरुरत हो मुझे फ़ोन पर बता दिया करो मै भेजवा दूंगा साथ ही यह भी कई बार कहा गया सिविल सर्जन जो भी कहें उनकी बात मान लो और अपने पति को भी समझाओ की जो सिविल सर्जन कहे वैसा करो क्यूंकि मैं भी यहाँ लगातार कई साल से स्टोर का काम कर रहा हु और उनसे बना कर रखो नहीं तो बहुत सक्षम है, तुम लोगो का बहुत कुछ नुक्सान कर सकते है कही भी फेकवा देंगे पता भी नहीं चलेगा।

*सीएस को दी थी शिकायत*

पूर्व में एक अन्य कर्मचारी के द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर मेरे साथ अभद्रता की गई एवं गाली गलौच किया गया, जिसकी लिखित शिकायत किये जाने पर उक्त कर्मचारी को संरक्षण देकर मामले को दबा दिया गया और कोई कार्यवाही नहीं की गई उल्टा हमें ही सिविल सर्जन द्वारा नाराज होकर डराया गया। मेरी नियुक्ति उपरांत ही राज्य शासन के आदेश के विपरीत जबरदस्ती शिफ्ट ड्यूटी लगवाई गई, जिससे मुझे नवनियुक्त महिला कर्मचारी को कई बार डर और असुरक्षा के माहौल में अकेले शिफ्ट ड्यूटी करनी पड़ती है। इनके कहे अनुसार मेरे पति को सस्पेंड करवाकर ब्योहारी अटैच करा दिया गया है, मेरा 4 वर्ष का बेटा है, कार्य करने में बहुत डर लग रहा है और मैं यहाँ बहुत असुरक्षित महसूस कर रही हूँ, उक्त सम्पूर्ण घटनाक्रम और मेरे पति के साथ जान बूझकर द्वेष पूर्वक कार्यवाही किये जाने से भय और असुरक्षा के कारण तनावग्रस्त हो गई हूँ।

*निलंबित हुए थे शिकायतकर्ता के पति*

बीते दिनों उप मुख्यमंत्री के शहडोल प्रवास के उपरांत सिविल सर्जन डॉ. जी.एस.परिहार की सूचना के बाद शहडोल कलेक्टर के निर्देश पर संयुक्त कलेक्टर अमृता गर्ग ने जिला चिकित्सालय के एक्स-रे विभाग का निरीक्षण किया था, इस दौरान यह पाया गया कि फिल्मे मौजूद होने के बाद भी मरीजों को प्रिंट नहीं दिया जा रहा था, जिसके बाद कलेक्टर ने अभिषेक दीवान जो शिकायतकर्ता महिला के पति हैं, उसे निलंबित कर दिया। इस शिकायत को पति के खिलाफ हुई कार्यवाही के उपरांत किये जाने के कारण बदले की कार्यवाही की नजर से भी देखा जा रहा है।

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