तिरंगे का अपमान करने पर पार्षद को पद से पृथक कर मामला दर्ज हो- जीवेंद्र सिंह

तिरंगे का अपमान करने पर पार्षद को पद से पृथक कर मामला दर्ज हो- जीवेंद्र सिंह 

*दीपक शुक्ला ने जान बूझकर किया गया अनादर, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष ने की शिकायत*


अनूपपुर

जिवेंद्र सिंह पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद अनूपपुर को पत्र लिखकर मांग की है कि दीपक शुक्ला पार्षद वार्ड क्रमांक 04 ( सभापति नल, जल एवं सीवरेज विभाग) निवासी अनूपपुर म.प्र. द्वारा राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त 2024 को भारतीय राष्ट्रीय झंडे तिरंगे का घोर अनादर करने के कारण आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुए पार्षद पद से तत्काल पदच्युत करने की विधि अनुरुप कार्यवाही किया जाए।

शिकायत पत्र में लेख किया गया है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनूपपुर द्वारा नगरपालिका अनूपपुर क्षेत्रान्तर्गत राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस 2024 ध्वजारोहण का कार्यक्रम तय करके अनूपपुर नगर में आमंत्रण पत्र वितरण किया गया था जिसमें नगरपालिका प्रांगण सहित अन्य 12 स्थानों पर सह कार्यक्रम आयोजित था जिनमे निर्वाचित अध्यक्ष / उपाध्यक्ष पार्षदों के मुख्य आतिथ्य मे ध्वजारोहण कार्यक्रम किए जाने का स्पष्ट उल्लेख है। शासकीय प्राथमिक पाठशाला रामजानकी मंदिर वार्ड क्रमांक 04 व रेलवे स्टेशन चौक अनूपपुर वार्ड क्रमांक 05 मे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दीपक शुक्ला पार्षद वार्ड क्रमांक 04 को बनाया गया परन्तु रेलवे स्टेशन चौक अनूपपुर वार्ड क्रमांक 05 में दीपक शुक्ला पार्षद घोर उदासीनता और अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित नहीं हुए, जबकि तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार सभी तैयारियां पूर्ण थीं, गणमान्य नागरिक / नपा कर्मचारी संतोष तिवारी सहित विभिन्न स्कूलों के बच्चे उपस्थित रहे। दीपक शुक्ला पार्षद / सभापति ने जान बूझकर अनुपस्थित रहकर शासकीय कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है।

कार्यक्रम स्थल पर मुख्य अतिथि दीपक शुक्ला पार्षद वार्ड क्रमांक 04 के अनुपस्थिति रहने पर नगर के नागरिक मोहन सेन द्वारा ध्वजारोहण किया गया जिसकी जानकारी सोशल मीडिया (फेसबुक) के माध्यम से दीपक शुक्ला पार्षद द्वारा स्वयं दी गई, जिससे प्रतीत होता है कि सुनियोजित और शरारती तरीके से पार्षद दीपक शुक्ला अनुपस्थित होकर राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के ध्वजारोहण कार्यक्रम की गरिमा को ठेस पहुंचाई और परिषद के निर्णय के विरुद्ध आचरण कर पदीय कर्तव्य के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई है। भारत का राष्ट्रीय झंडा, भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिरूप है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। पिछले पाँच दशकों में अनेक लोगों और सशस्त्र सैनिकों ने इस तिरंगे को पूर्ण गौरव के साथ फहराते रहने के लिये सहजता पूर्वक अपने जीवन का बलिदान दिया है। सबके मन मे राष्ट्रीय झंडे के लिए प्रेम, आदर और निष्ठा है।

पार्षद दीपक शुक्ला के कृत्य से बच्चों सहित समाज में विपरीत प्रभाव पडा है. तथा नगरपालिका द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी निभाने में सार्वजनिक तौर पर पूर्णतया विफल रहे हैं। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 (1971 की संख्या 69,23 दिसंबर 1971) राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण (संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा संशोधित) 2005 की संख्या 51, 20 दिसंबर 2005 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही करते हुए अपराध पंजीबद्ध कराकर पार्षद पद से पदच्युत करने की कार्यवाही किया जाए। जिससे भविष्य में इस तरह की शरारतों की पुनरावृत्ति न हो।

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