वेतनमान से वंचित शिक्षक, सहायक आयुक्त व लिपिक पर गंभीर आरोप, प्रशासनिक लापरवाही का मामला
*शिक्षक संघ का प्रतिनिधि मंडल आज मिलेगा प्रभारी मंत्री व मुख्यमंत्री से*
अनूपपुर
मध्य प्रदेश शासन के जनजाति कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा 2 नवंबर 2022 को जारी आदेश के अनुसार, उच्च माध्यमिक शिक्षकों को 1 जुलाई 2018 से समयमान वेतन प्रदान करने के निर्देश दिए गए थे इस संदर्भ में, आयुक्त जनजाति कार्य विभाग शहडोल ने सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग अनूपपुर से समयमान वेतन से वंचित शिक्षकों के प्रस्ताव और गोपनीय प्रतिवेदन की मांग की थी। इसके बावजूद, सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग अनूपपुर और लिपिक दिनेश कुमार प्रजापति की मनमानी और निरंकुशता के कारण आज तक ये प्रस्ताव शहडोल के उपायुक्त कार्यालय को नहीं भेजे गए इसका नतीजा यह हुआ कि 2006 से 2008 के बीच नियुक्त उच्च माध्यमिक शिक्षक पिछले छह वर्षों से अपने समयमान वेतन से वंचित हैं
शिक्षक संघ ने इस अन्याय के खिलाफ कई बार अपनी आवाज उठाई, लेकिन उनकी मांगें अनसुनी रहीं अब, इस समस्या के समाधान के लिए, प्रांतीय सचिव अवध राज सिंह सोलंकी और भूपाल सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल 16 अगस्त 2024 को प्रभारी मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा और अपनी समस्या को उनके समक्ष रखेगा। यह मामला केवल शिक्षकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और निरंकुशता का भी एक गंभीर उदाहरण है उम्मीद की जा रही है कि इस बार शिक्षकों की आवाज सुनी जाएगी और उन्हें उनका हक मिलेगा, जिससे उनके वर्षों से लंबित वेतनमान का भुगतान सुनिश्चित हो सके