फौजी को पुत्र की दर्दनाक मौत के 6 दिन भी नही मिला इन्साफ, न्याय की लगा रहा है गुहार
रीवा
जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर कि दुरी में रायपुर थाना अंतरगत रामनई का है जहां 15 अगस्त के दिन भारतीय सैनिक में पदस्त सूबेदार नरेंद्र द्विवेदी के पुत्र दिव्याशु द्विवेदी का शव रामनई के एकांत पहाड़ के पास एक बरसात के दौरन भरे हुए एकत्रित पानी में शाम को बरामद हुई परिजनों द्वारा बताया जाता है कि दिव्याशु द्विवेदी को सुबह 6:30 बजे स्कूल ले जाने के बहाने उनके दोस्त आए थे जो की गाड़ी में बैठा कर ले गए जिनका नाम स्वेत तिवारी ध्रुव शर्मा शिवांशु शर्मा और सुधांशु चौधरी है इनके ले जाने के बहुत देर बाद फिर दिव्यांशु द्विवेदी के बारे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं था बाद में दिव्यांशु द्विवेदी की बहन आरती द्विवेदी लगतार स्वेत तिवारी को कॉल करती रही है लेकिन ये सभी दिव्यांशु की बहन को 10 बजे सुबह से लेकर कई घंटों तक गुमराह करते रहे कहीं बोलते पेट्रोल भराने गया है कभी कुछ बोलते लेकिन जब समय काफी बीत गया तब शाम के समय दिव्यांशु की बहन स्वेत तिवारी को जोर जोर से पूछने लगी तुम्ही मेरे भाई को ले गए हो बताओ मेरा भाई कहा है नहीं तो मैं पुलिस में रिपोर्ट कर दूंगी तब स्वेत तिवारी ने लगभग 5 बजे बताया पहाड़ी की जगह घटनास्थल के बारे में फिर पुलिस बुला कर पानी वाली जगह को देखा गया जहां दिव्यांशु द्विवेदी का शव पानी के अंदर बरामद हुआ और चारो तरफ हाहाकार मच गया।
परिजनों का ये भी कहना है दिव्यांशु पानी से हमेशा डरता था और कभी भी नदी तालाब में जाने के नाम से डरता था आख़िरकार क्या है मामला दिव्यांशु के परिजनों से करते हैं इस मामले की पुछताछ क्योंकि दिव्यांशु के परिजन अपने बेटे को इन्साफ दिलाने के लिए दिन रात तड़प-तड़प कर जीना बेहाल कर लिये है।