एसईसीएल की संपति कुर्क करने का आदेश, 34 साल पुराने मामले में न्यायालय का फैसला

एसईसीएल की संपति कुर्क करने का आदेश, 34 साल पुराने मामले में न्यायालय का फैसला

*ठेका कंपनी को दी जाने वाली राशि 3 करोड़ 40 लाख रुपए देने का दिया आदेश*


उमरिया

एसईसीएल के परियोजना प्रबंधक जीएम कॉम्प्लेक्स सहित वाहनों को कुर्क करने के लिए न्यायालय से अधिकृत कर्मचारियों को आदेश के साथ भेजा। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के बाद ठेका कंपनी को दी जाने वाली राशि 3 करोड़ 40 लाख रुपए 2 सितंबर तक अदा करने का लिखित पत्र दिया।

जिले में 34 साल पुराने के मामले में जिला न्यायालय ने पक्षकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके साथ ही कोल इंडिया की करोड़ों की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश पारित किया गया है। बता दें कि यह घटना 1991 में फैसला कोल इंडिया की एसईसीएल परियोजना के खिलाफ गया है, जो पिनौरा आवासीय कॉलोनी के निर्माण से संबंधित था। ठेका कंपनी तिरुपति बिल्डकॉन को निर्धारित भुगतान न मिलने पर उन्होंने न्यायालय का सहारा लिया। वहीं, शहडोल जिला न्यायालय और बाद में हाईकोर्ट ने भी ठेका कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन एसईसीएल ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाते हुए उससे अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने भी ठेका कंपनी के पक्ष में फैसला बरकरार रखा।

*एसईसीएल की संपति कुर्क करने का आदेश*

वहीं, पक्षकार की अपील पर जिला न्यायालय ने एसईसीएल के परियोजना प्रबंधक जीएम कॉम्प्लेक्स सहित वाहनों को कुर्क करने के लिए न्यायालय से अधिकृत कर्मचारियों को आदेश के साथ भेजा। जिसके बाद अधिकारियों के होश उड़ गए और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत के बाद ठेका कंपनी को दी जाने वाली राशि 3 करोड़ 40 लाख रुपए 2 सितंबर तक अदा करने का लिखित पत्र दिया।

*ये बात आई सामने*

मामले में न्यायालय के मुहर्रिर वापस हो गए। फिर एसईसीएल के अधिकारियों की मनमानी और आम जनता के साथ किए जाने वाले आर्थिक शोषण की बात खुलकर सामने आ गई। जिसे मद्देनजर रखते हुए यह फैसला सुनाया गया है।

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