छात्रावास अधीक्षक चपरासी को मानसिक रूप से कर रहा प्रताड़ित, करता है दारू मुर्गा पार्टी

छात्रावास अधीक्षक चपरासी को मानसिक रूप से कर रहा प्रताड़ित, करता है दारू मुर्गा पार्टी

*रात्रि में जबरन गेहूं बेचने मोटरसाइकिल से भेजता है गल्ला दुकान* 


शहडोल

छात्रावासों एवं बालक आश्रमों में हो रहे भ्रष्टाचार पर आखिर कब अंकुश लगेगा बच्चों के साथ ही अब आश्रमों में पदस्थ कर्मचारी भी अधीक्षक की प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं वैसा ही एक ताजा मामला प्रकाश में आया है गोपाल विकासखंड अंतर्गत बीजहा शासकीय आदिवासी बालक आश्रम का जहां के चपरासी के द्वारा बालक आश्रम की अधीक्षक पर तानाशाही एवं मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए बालक आश्रम में पढ़ाने वाले सहायक शिक्षकों के समक्ष मौका पंचनामा भी बनाया मौका पंचनामा में स्पष्ट लिखा हुआ है कि मैं धनपत वर्मा पद जल वाहक शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बीजी में कार्यरत हूं जबकि मैं दिनांक 23.07.2024 से दिनांक 24 07.2024 तक अवकाश में था अधीक्षक द्वारा दिनांक 25.07.2024 को संस्था में उपस्थित हुआ फिर भी अधीक्षक द्वारा उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर के जगह में सफेदा लगा दिया गया श्री वर्मा ने बताया कि समस्त सहायक अध्यापक शिक्षक के समक्ष उपस्थिति पंजी दिखाया गया है शिक्षक प्रदीप सोनी, बिंदु लाल सिंह शिक्षक उपस्थित थे वहीं सहायक शिक्षकों ने कहा कि हमारे समक्ष धनपत वर्मा पद जल वाहक उपलब्ध हुए समय 10:30  हमने देखा है जिसका हम पंचनामा में बिंदु लाल सिंह प्रदीप कुमार सोनी के समक्ष धनपत वर्मा पद जल वाहक ने हस्ताक्षर किया गया।

 *अधीक्षक द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है* 

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शिक्षा विभाग को शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बिरहा में पदस्थ जलवाहक धनपत वर्मा ने एक पत्र लिखा अपने पत्र में धनपत वर्मा ने बताया कि शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बिजहा में पदस्थ अधीक्षक रामेश्वर सिंह कंवर पदस्थ शासकीय प्राथमिक विद्यालय सल्दा संकुल केंद्र अंकुरी के द्वारा जब से शासकीय बालक आश्रम बिजहा में अधीक्षक पद पर आया है तब से धनपत वर्मा पद जलवाहक शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बिजहा में पदस्थ हूं समय से समय तक कार्य करने के बाद भी मुझे चैन से जीने नहीं देता है घर नहीं जाने देता है और मुझे से शौचालय साफ सफाई करो इसके बाद घर जाना है अन्यथा अनुपस्थित कर दूंगा जब की शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बिजहा में स्वीपर पद स्वीकृत है लेकिन संस्था में स्वीपर से अपने घर का काम कराता है स्वीपर की उपस्थिति पत्रक अनुज कुशवाहा के नाम से राशि आहरण  कर वापस पैसा ले लेता है आज दिनांक तक अनुज कुशवाहा शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बिजहा में स्वीपर का काम करने नहीं आया मेरे ऊपर जबरन दबाव बनाकर स्वीपर का काम कराया जाता है ।रात्रि ड्यूटी में मुझे गेहूं बेचने जबरन अपने मोटरसाइकिल में लदा कर गला दुकान में बेचने भेजता है और बोलता है कि बेचकर शराब और मुर्गा खरीद कर लेकर मेरे रूम में जल्दी बनाकर दो इसके बाद शराब मुर्गा खाता है और और मुझे भी जबरन खबाता है और आए दिन किसी न किसी को बुला लेता है अपने रूम में मुर्गा शराब खिलाता है कढ़ाई थाली कटोरी आदि बर्तन मुझसे साफ कराता है मना करने पर गाली गलौज करता है तुम्हारी नौकरी का मैं अधिकारी हूं मेरे हस्ताक्षर से तुम्हारा वेतन निकलता है और जो जिले में के वरिष्ठ अधिकारी हैं जो मैं कहता हूं वही कार्यवाही तुम्हारे ऊपर करवा दूंगा नौकरी से हटवा दूंगा मेरा बाल बांका नहीं कर सकते कुछ बिगाड़ नहीं सकते हो मेरे द्वारा लैट्रिन बाथरूम सफाई न करने पर आए दिन अनुपस्थित करता रहता है जिस कारण से मानसिक रूप से परेशान हूं एवं प्रताड़ित हूं।धनपत वर्मा जलवाहक शासकीय आदिवासी बालक आश्रम बिजहा मेरी मांग सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शिक्षा विभाग से है कि मेरा उचित मार्गदर्शन किया जाए जिससे अपने नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन समय से समय तक बालक आश्रम में कार्य कर सकु और परेशान एवं प्रताड़ित करने वाले अधीक्षक रामेश्वर सिंह कंवर के विरुद्ध उचित विभागीय कार्यवाही की जाए।

 *इनका कहना है*

जो आरोप मेरे उपर लगाए गए हैं यह मनगढ़ंत है गेहूं पिसवाने के लिए तो चक्की तक गेहूं भिजवाना पड़ेगा ही, रही बात स्वीपर की तो पहले स्वीपर आता था काफी दिनों से स्वीपर नहीं आ रहा है जिस कारण से कभी मुझे भी साफ सफाई करना पड़ता है कभी चपरासी से भी करवाता हूं और जो यह मुर्गा दारू की जो बातें हैं यह मनगढ़ंत है ऐसा कुछ नहीं है मेरे भी बच्चे हैं मेरे से जितना हो सकता है मैं अपने बालक आश्रम के बच्चों को अच्छा भोजन और अच्छी शिक्षा दिलवाने का प्रयास करता हूं।

 *रामेश्वर सिंह कंवर अधीक्षक शा.आदिवासी बालक आश्रम बिजहा* 

वहां का चपरासी को जो काम रहेगा वह तो करना पड़ेगा खैर आप मुझे मेरे व्हाट्सएप पर भेजिए कि उसने क्या शिकायत की है मैं उसकी बीईओ से जांच करवा लेता हूं जो भी दोषी होगा उसपे कार्यवाही करूंगा।

 *आनंद कुमार सिन्हा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शिक्षा विभाग*

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