दो दिनों से अलग-अलग स्थान में घूम रहे दोनो नर हाथी प्रशासन कर रहा है निगरानी
*किसानों की फसल को कर रहे है नुकसान, जिले से वापस जाने को तैयार नहीं हाथी*
अनूपपुर
छत्तीसगढ़ राज्य से विगत 26 दिन पूर्व आए दो प्रवासी नर हाथी वापस जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं जो दिन के समय अनूपपुर एवं जैतहरी वन परिक्षेत्र एवं थाना के ग्रामीण अंचलों से लगे जंगलों में ठहरने/विश्राम करने बाद देर शाम एवं रात होते ही आसपास के गांव में ग्रामीणों के घरों,खेत,वांड़ी में लगे एवं रखें विभिन्न तरह के अनाज एवं सामग्रियों को अपना आहार बना रहे हैं वही फिर से दिन होते ही दोनों हाथी जंगलों में जाकर विश्राम करने लगते हैं विगत दो दिनों से यह दोनों नर हाथी अलग-अलग होकर दिन में जंगल में ठहरने बाद रात होते ही आसपास के गांव जिसमें गोबरी, ठेंगरहा, दुधमनिया, केकरपानी, लखनपुर, खोलईया में विचरण कर रहे हैं दो दिनों के मध्य कुछ ग्रामीणो के घरों में देर रात पहुंचकर तोड़फोड़ कर, खेतों, बाडियों में लगे रखे सामानों को खाकर नुकसान कर रहे है, दोनों प्रवासी हाथियों के विचरण पर जिला प्रशासन के साथ वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी निरंतर नजर बनाए हुए हैं वहीं हाथियों के निरंतर विचरण करने तथा नुकसान करने से ग्रामीण परेशान तथा भयभीत है जो रात होते ही हाथियों के डर से रात्रि जागरण करने को बाध्य है विगत वर्ष ग्रामीणों के हाथियों द्वारा किए गए नुकसान पर संबंधित पटवारियों द्वारा वास्तविक परीक्षण कर नुकसानी का प्रकरण ना बनाए जाने, ग्रामीणों को राहत राशि नहीं मिल पाने, नुकसान हुए सामग्री के मूल्य से अत्यधिक नुकसान होने पर कम राशि मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश की स्थिति देखी जाती है जिसका खामियाजा वनविभाग के अधिकारी/कर्मचारी जो पूरे समय हाथियों के निगरानियों के साथ ग्रामीणों को समझाने बुझाने एवं गांव से बाहर जंगल के किनारे या जंगल की परिधि में बसे ग्रामीणों को देर रात होते ही सुरक्षित स्थान पर लाने की कोशिश में लगे रहते हैं जिसमें संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच, जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी निरंतर प्रयास कर रहे हैं जिससे वर्तमान समय तक किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं घट पायी है, वही दोनों हाथी आज 25 वे दिन भी अनूपपुर जिले से बाहर जाने को तैयार नहीं दिख रहे हैं जबकि वनविभाग द्वारा कई तरह के उपाय विगत 25 दिनों के मध्य कर चुकी है।