टेंडर प्रक्रिया में धांधली चहेतों को लाभ दिलाने डीएफओ ने नियम कायदों की उड़ाई धज्जियां
*पात्र फर्मों का टेंडर निरस्त कर दिया गया, सीसीएफ के आदेश को नही मानतीं डीएफओ*
शहडोल
विगत दिनों दक्षिण वन मंडल शहडोल में निर्माण सामग्री की निविदा आमंत्रित की गई जिसमें कई फर्मो ने टेंडर डाला जिसमें दक्षिण वन मंडल अधिकारी द्वारा अपने चाहेतो को लाभ देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई जिसकी शिकायत कई निविदाकारो द्वारा सीसीएफ को की गई है, जैसे टेंडर प्रक्रिया में जो नियम शर्ते रखी गई थी कुछ ठेकेदारों ने उसका पूरी तरह से पालन किया लेकिन वन मंडल अधिकारी दक्षिण वन मंडल द्वारा द्वेष पूर्ण भावना से उनका टेंडर निरस्त कर दिया तथा उन लोगों को टेंडर दिया गया जिनकें मूल दस्तावेज पूरी तरह से सही नहीं थे वह लोग अपात्र् थे इससे साफ साफ जाहिर होता है कि दक्षिण वन मंडल अधिकारी द्वारा निविदा प्रक्रिया में धांधली की गई है जिसकी जांच अत्यंत आवश्यक है मुख्यमंत्री की मनसा अनुरूप सभी टेंडर में पारदर्शिता का होना अनिवार्य है वन मंडल अनूपपुर में पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ पूरी बारीकी से जांच करके टेंडर खोला गया उसमें यह पाया गया कि जिस फर्म का टेंडर शहडोल में पास किया गया है उसके दस्तावेज पूरी तरह से सही नहीं थे इसलिए उन्हें अनूपपुर से अपात्र घोषित कर उनका टेंडर निरस्त किया गया जबकि पात्र पाए गए लोगों का टेंडर अनूपपुर में पास किया गया इसके विपरीत शहडोल में उन पात्र फर्मों का टेंडर वन मंडल शहडोल मे निरस्त कर दिया गया इससे जाहिर होता है कि व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए वन मंडलाधिकारी द्वारा टेंडर प्रक्रिया में गैर कानूनी रूप से कार्य किया गया जिसकी शिकायत निविदाकरो द्वारा माननीय मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन वन मंत्री प्रमुख सचिव वन विभाग मध्य प्रदेश व उच्च अधिकारियों को की गई है।
*सीसीएफ की बातों को दरकिनार कर देती हैं डीएफओ*
हाल ही में कुछ ऐसे मामले आए हैं जिसमें सीसीएफ ने डीएफओ को मामले में संज्ञान लेने को कहा लेकिन डीएफओ द्वारा किसी भी प्रकार से कोई बात नहीं सुनी बल्कि उनकी बातों को दरकिनार कर दिया गया इससे साफ जाहिर है कि डीएफओ लगातार अपने मनमानी तरीके से कार्य कर रहे हैं और गलत् तरीके से निविदा पास करके फंस चुके हैं ।