पीठाधीश्वर रामानंदाचार्य स्वामी पहुँचे कामद कल्प तरुवन आश्रम, हनुमान जी की हुई स्थापना
अनूपपुर
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में कामद कल्प तरुवन आश्रम कपिलधारा मार्ग "बांधा" अमरकंटक में पधारे कामदगिरि पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज पहुंचे और दो रात्रि अमरकंटक में विश्राम करेंगे। उनके साथ संत जन पधारे हुए है। उनके अमरकंटक आगमन पर दर्शन हेतु जिले के अलावा अन्य क्षेत्रों से भारी संख्या में भक्तगण पहुंच रहे है। आज मंगलवार तारीख आषाढ़ कृष्णपक्ष योगिनी एकादशी को कामद कल्प तरुवन आश्रम अमरकंटक में विद्वान पंडितो और भक्तों द्वारा स्वामी महाराज की उपस्थिति में विशाल दक्षिण मुखी श्री हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना भी की गई तथा भंडारा कर प्रसाद का वितरण कराया गया। आश्रम नर्मदा नदी के उत्तर तट पर कपिलधारा मार्ग किनारे स्थित है । इस आश्रम पर महाराज की प्रेरणा से सघन वृक्षा रोपण कराया जायेगा । कुछ पौधो का रोपण आश्रम में हो चुका है । स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज का आगमन श्रावण मास में पुनः होने जा रहा है उस समय काफी दाताद में वृक्ष लगाए जायेंगे । उन्होंने बताया की मां नर्मदा जी के तटीय क्षेत्रों में आश्रम के माध्यम से पवित्रता , स्वच्छता और पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षा रोपण होता रहे इससे जल निर्मल रहेगा और मां नर्मदा जी की धारा सदा प्रवाहित रहेगी । धरकुंडी आश्रम के स्वामी लवलीन महाराज का आश्रम में खूब सहयोग प्राप्त होता रहता है । इस आश्रम की व्यवस्था में स्वामी हनुमान दास महाराज देख रेख कर रहे है।रामानंदाचार्य स्वामी कहते है कि मां नर्मदा जी की गोद में आकर कुछ समय अमरकंटक में भी व्यतीत करू। स्वामी जी रामकथा और कामदगिरि की महिमा का व्याख्यान बहुत ही सुंदर वर्णन करते हैं, इनका यूट्यूब और धार्मिक चैनलों में खूब कथा का विस्तार मिलता है । अमरकंटक में भी स्वामी जी द्वारा कथा का संकल्प है ।