पहली बरसात में ही घरों के बेडरूम में घुसा पानी की प्रबंधन की खुली पोल
*एसईसीएल लापरवाही उजागर, श्रमिक आवासीय कॉलोनियों का मामला*
अनूपपुर
कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र की आवासीय कॉलोनियों में बरसात का पानी मजदूरों के घरों में घुस रहा है, जिससे श्रमिक और उनके परिवार परेशानियों का सामना कर रहे हैं यह समस्या हर वर्ष की तरह इस साल भी बढ़ती जा रही है, जबकि क्षेत्रीय प्रबंधन द्वारा कॉलोनियों और नालियों की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा किया जाता है। जमुना कोतमा क्षेत्र में स्थित श्रमिक आवासीय कॉलोनियों की स्थिति इस समय अत्यंत दयनीय हो गई है बरसात का पानी घरों में घुसने से श्रमिक परिवारों को नाली के गंदे पानी में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए प्रबंधन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है
*प्रबंधन की निष्क्रियता*
श्रमिक संगठनों ने कई बार इस मुद्दे को प्रबंधन के समक्ष उठाया है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है। संगठनों का आरोप है कि प्रबंधन तंत्र कुंभकर्ण की निद्रा में सो रहा है और उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहा है। श्रमिकों का कहना है कि प्रबंधन की यह लापरवाही अब असहनीय होती जा रही है। प्रबंधन द्वारा हर वर्ष कॉलोनियों और नालियों की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा किया जाता है, लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही बयां करती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई के नाम पर केवल कागजी कार्यवाही की जाती है, जबकि वास्तविकता में कोई काम नहीं होता
*श्रमिकों की व्यथा*
एक श्रमिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया "हमारे घरों में बरसात का पानी घुस रहा है और हम नाली के गंदे पानी में जीने को मजबूर हैं प्रबंधन को हमारी कोई चिंता नहीं है हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई
*निवारण की आवश्यकता*
इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रबंधन को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है। श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए प्रबंधन को स्थायी समाधान खोजने की दिशा में काम करना चाहिए क्षेत्रीय प्रबंधन को कॉलोनियों और नालियों की सफाई की नियमित जांच सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
साउथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड के जमुना कोतमा क्षेत्र में श्रमिकों की आवासीय कॉलोनियों में बरसात के पानी की समस्या और प्रबंधन की लापरवाही ने एक बार फिर से सरकारी योजनाओं और घोषणाओं की पोल खोल दी है समय की मांग है कि इस समस्या का स्थायी समाधान खोजा जाए ताकि श्रमिकों और उनके परिवारों को राहत मिल सके।