टपकती छत के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर नौनिहाल छाता लगाकर बन रहा है मध्यान भोजन

टपकती छत के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर नौनिहाल छाता लगाकर बन रहा है मध्यान भोजन

*जर्जर विद्यालय में 130 बच्चे, पढ़ाई हो रही है प्रभावित, स्कूल के सामने भरा पानी*


अनूपपुर

जिले में ही रुक-रुक कर बारिश होने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हैं। नदी नालों में भी पानी बढ़ गया हैं। वहीं सरकारी सिस्टम के पोल खोल कर रख दी है। जिले के विभिन्न स्कूलों में छत से पानी टपक रहा हैं। बाहर खेल के मैदान में भी पानी भरा हुआ है। घुटनों तक भरे पानी को पार कर बच्चे अपने कक्षाओं में जा रहे हैं।

*यह मामला है*

शासकीय माध्यमिक विद्यालय अमलाई कॉलरी में कक्षा 8वीं तक की कक्षाएं संचालित होती हैं। जिसमें 130 बच्चें पढ़ते हैं। बारिश से स्कूलों में लबालब पानी भरा हुआ हैं। स्कूल के छत से पानी टपक रहा हैं। स्कूलों की कक्षा में बैठे बच्चों के बीच भी पानी टपक रहा हैं। खेल के मैदान में भी घुटनों तक पानी भरा हुआ है। छत से टपकती हुई पानी के बूंदों के बीच छाता लगाकर रसोईया खाना बना रही थी। जिस भवन में रसोईया खाना बना रही थी। वह पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। लगातार पानी से छत गिरने की भी संभावना बनी हुई हैं। घुटनों तक मैदान में पानी होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे पानी में चल कर स्कूल आते हैं।

*पढ़ना और खेलना मुश्किल*

कक्षा चौथी में पढ़ने वाले शिवा बैगा ने बताया कि स्कूल में पानी भरा रहता है। जिस कक्षा में पढ़ते हैं, वहां की छत से भी पानी टपकता हैं। किताबें गीली हो जाती हैं। मजबूरी में स्कूल आना पड़ता है। स्कूल में खेल भी नहीं सकते, मैदान में पूरा पानी भरा रहता है।

*उच्च अधिकारियों को दी सूचना*

प्रभारी प्रधानाध्यापक जीपी राय ने बताया कि स्कूल में 2 साल से मेंटेनेंस के नाम पर कोई भी राशि नहीं आ रही हैं। हमारे पास कोई भी अतिरिक्त कक्ष नहीं है। जिसके कारण रसोईया जर्जर भवन पर खाना बना रही है। इसके बारे में उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी हैं।

ज्ञात हो कि शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमलाई कॉलरी में 6 कमरों में कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाए संचालित है, कक्षा 1 और 2 के बच्चे एक साथ एक कमरे में और कक्षा 4 और 5 के बच्चे एक कमरे में बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल में 132 से अधिक छात्र छात्राए शिक्षा ग्रहण कर रहे है, जहां शिक्षकों की संख्या 6 है। छात्र व शिक्षक दोनो ही पानी भर जाने प्रभावित हो रही पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। शासन प्रशासन से इस समस्या से छुटकारा पाने की गुहार लगा रहे है।

इनका कहना है।

आपके द्वारा मामला मेरे संज्ञान में आया है मैं इस मामले को दिखवाता हूं।

*जिला शिक्षा केंद्र प्रभारी महेन्द्र यादव*

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