तू खुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश है : तीनों नए कानून हमेशा तेरे साथ

तू खुद की खोज में निकल, तू किस लिए हताश है : तीनों नए कानून हमेशा तेरे साथ

*रोड शो के दौरान नए कानून के कुछ प्रावधानों पर नुक्‍कड़ नाटक कर रंगमचीय अंदाज दी जानकारी*


शहड़ोल

नए कानून भारतीय न्‍याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) एवं भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम (बीएसए) के जनता में प्रचार-प्रसार के लिए शहडोल शहर के अनेक मार्गों, चौराहों, बस स्‍टैण्‍ड, रेलवे स्‍टेशन के बाहर रोडशो किया गया। इस रोडशो में एडीजीपी शहडोल ज़ोन डी.सी. सागर, पुलिस अधीक्षक शहडोल कुमार प्रतीक, उप पुलिस अधीक्षक मुख्‍यालय राघवेन्‍द्र द्विवेदी, उप पुलिस अधीक्षक महिला सुरक्षा विकास पाण्‍डेय, थाना प्रभारी कोतवाली शहडोल निरीक्षक राघवेन्‍द्र तिवारी, थाना प्रभारी आरपीएफ शहडोल निरीक्षक मनीष कुमार, अन्‍य पुलिस बल एवं जनता शामिल हुए। 

रोड शो के दौरान एडीजीपी, पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक ने नए कानून के कुछ प्रावधानों पर नुक्‍कड़ नाटक कर रंगमचीय अंदाज में जानकारी दी। डीसी सागर द्वारा बताया गया कि बीएनएसएस की धारा 173 में एफआईआर दर्ज कराने के तीन तरीके दिए हुए हैं, मौखिक, लिखित एवं इलेक्‍ट्रॉनिक कम्‍युनिकेशन। साथ ही उन्‍होंने ये भी बताया कि ई-एफआईआर और जीरो की एफआईआर कराने के बाद में फरियादी को संबंधित थाने में जाकर स्‍वयं के हस्‍ताक्षर 3 दिन में करना अनिवार्य है। इसी प्रकार पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि तीनों नए कानून न्‍याय केन्द्रित हैं और बीएनएसएस की धारा 193(3)(ii) के तहत् प्रकरण की प्रगति 90 दिन के भीतर फरियादी को बताने का प्रावधान है। उप पुसिल अधीक्षक मुख्‍यालय शहडोल ने बताया कि बीएनएसएस की धारा 173 में जीरो पर एफआईआर एवं बीएनएसएस की धारा 180 में गवाहों के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का प्रावधान है। उप पुलिस अधीक्षक महिला सुरक्षा शहडोल ने बताया कि अंग्रेजों के समय के कानून को बदलकर स्‍वदेशी कानून लागू किया गया है। थाना प्रभारी कोतवाली शहडोल ने बताया किया नए कानून जनता को सरल, सुलभ, पारदर्शी एवं त्‍वरित न्‍याय प्रदान करने के लिए लागू किया गया है। थाना प्रभारी आरपीएफ शहडोल ने बताया कि इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यम से एफआईआर कहीं से भी दर्ज कराई जा सकती है परंतु एफआईआर की पुष्टि हेतु 3 दिवस के भीतर संबंधित थाने में जाकर हस्‍ताक्षर करना अनिवार्य है। अंत में एडीजीपी डीसी सागर द्वारा जनता को बताया गया कि तीनों नए कानून स्‍वदेशी हैं और न्‍याय प्रधान हैं। इन तीनों नए कानूनों में पुलिस, कार्यपालिक दण्‍डाधिकारी एवं न्‍यायालय के लिए फरियादी को पार‍दर्शिता और जवाबदेही से निर्धारित समयावधि में न्‍याय दिलाने के प्रावधान अंतर्निहित है। 

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