सरपंच, सचिव व उपयंत्री आंगनबाड़ी व शौचालय पर जमकर कर रहे हैं भ्रष्टाचार

सरपंच, सचिव व उपयंत्री आंगनबाड़ी व शौचालय पर जमकर कर रहे हैं भ्रष्टाचार 

*जनपद के जिम्मेदार अधिकारी बैठे मौन, इन भ्रष्टाचारियो पर कौन कसेगा नकेल*


शहड़ोल

जिले के जयसिंहनगर क्षेत्र में भ्रष्टाचार की परते प्याज के छिलके के मानिंद उधड़ रही हैं। यहाँ पर ग्राम पंचायत के सचिव ने मनमानी की सारी हदे पार करके प्रधानमंत्री के भी स्वच्छता अभियान पर गृहण लगाने की गुस्ताखी कर डाली है। हाल में पंचायत भवन में दो शौचालय और एक शौचालय आंगनवाड़ी भवन कुर्रान टोला में बनाया गया है जिसमें गुणवता को दरकिनार किया गया निर्माण कार्य ऐसा घटिया दर्जे का किया गया कि बनने के साथ ही शौचालय पूरी तरह से फट गये हैं। वही शौचालय निर्माण की राशि का आहरण भी किया जा चुका है लेकिन अभी तक शौचालय उपयोग लायक नही है। कुल मिलाकर निर्माण के नाम पर सिर्फ लीपापोती करने का काम किया गया है।

ग्राम पंचायत लपरी के सचिव अवधेश मिश्रा नें सरपंच को प‌ट्टी पढ़ाकर पंचायत भवन परिषर में बनने वाले नये शौचालय का निर्माण कार्य काफी चालाकी से करवाया है। लीपा पोती किये जाने की पूरी तैयारी ही चल रही थी कि उसकी हकीकत कैमरे में कैद हो गई। बाउण्ड्री की दीवार को शौचालय में सचिव ने जोड़ डाला है। जिससे उसने काफी सामग्री की बचत कर डाली है। इसके अलावा बनाये गये शौचालयों के अंदर की हकीकत यह है कि शुरुआती बारिश में ही शौचालय की फर्श बैठ गई है और कई बडे-बडे गड्‌ढे शौचालय के अंदर हो गये हैं। जिस कारण निर्माण कार्य की गुणवत्ता का बखान स्वयं नव निर्मित शौचालय करने लगे हैं। बता दें कि पंचायत भवन में बिल बनाये गये शौचालयो का भुगतान बिल क्रमांक 24 के माध्यम से 50500 रुपये की राशि और बिल क्रमांक 23 के माध्यम से 97400 रुपये की राशि 2 जुलाई 2024  को अमझोर के सेन्ट्रल बैंक आफ इन्डिया से आहरित कर ली गई है। यह सारी हदें पंचायत सचिव ने पार कर डाली। बावजूद इसके अभी तक जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से बेखबर है उन्हे इतनी भी फुर्सत नही मिली कि वें शौचालयों का निरीक्षण तो कर लें ।

इसी प्रकार लपरी के कुर्रान टोला में 23000 रूपये की लागत से शौचालय का निर्माण किया गया है जिसमें भी मनमानी की सारी हदें पार करके घटिया शौचालय बनाया गया है जिनकी बुनियाद से लेकर छत तक कार्य में काफी अनियमितता का खेल खेला गया है। शौचालय में अभी तक एल्बो, टोटी, पाइप और नोजल के अलावा अन्य सामग्री नही लगाई गई है। शौचालयो में जिस प्रकार की टाइल्स लगाई गई है वह बिना उपयोग के ही जोड छोडने लगी है। उधर शौचालय की रेलिग भी कई जगह से बनने के बाद ही टूट चुकी है।

ग्राम पंचायत लपरी में सचिव, सरपंच और उपयंत्री ने भ्रष्टाचार का ऐसा खेल खेला है कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की साख पर बट्‌टा लग गया है। जबकि सीईओ अशोक मरावी का स्पष्ट फरमान है कि विकास के कार्या में गुणवत्ता का पूरी तरह से ध्यान दिया जाये बावजूद इसके लपरी में इस तिकड़ी ने ऐसे ऐसे घटिया कामों को अंजाम दिया है यदि ईमानदारी पूर्वक यहाँ की जांच कराई गई तो जिम्मेदार तिकडी सलाखो के पीछे नजर आयेगी। 

ग्राम पंचायत लपरी में जिस प्रकार से भ्रष्टाचार का नाच बिना किसी खौफ के तिकडी ने करने का दुस्साहस भरा कृत्य किया है उससे सवाल यही उठता है कि आखिरकार जिम्मेदारों की नकेल कौन कसेगा। जिस प्रकार से लपरी में घटिया दर्जे के शौचालय बनाये गये हैं उसमे सचिव, सरपंच और उपयंत्री सभी बराबर के भागीदार हैं ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर‌कार तिकडी की नकेल कौन कसेगा ? बता दें कि जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अशोक मरावी के संज्ञान में लाया गया था। जिस पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि ग्राम पंचायत लपरी के दस्तावेज तलब किये गये हैं लेकिन दोपहर बाद हमारे संवाद‌दाता ने बताया कि सीईओ, एपीओ के अलावा अन्य जिम्मेदार अमला एक पेंड माँ के नाम अभियान में किसी ग्राम पंचायत के लिये रवाना हो गये हैं जिस कारण लपरी की तिकडी ने राहत की सांस जरूर ली होगी अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में जिम्मेदार अधिकारी कौन सी कार्यवाही करते हैं।

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