फ्लाईओवर निर्माण नगरिकों ने अगरबत्ती जलाकर दर्ज कराया विरोध, 8 वर्ष बाद भी अधूरा
*ठेकेदार के सुस्त रवैया से आम जनता परेशान, प्रशासन से जल्द पूर्ण करने की मांग*
अनूपपुर
दो हिस्सों में बटे शहर को एक करने वाला रेल्वी फाटक को फ्लाईओवर का निर्माण के लिए बंद हो जाने के बाद से नगर लोग जैसे दो देशों में बट कर रह गया हैं। 4 वर्षों से नगर का मुख्य बाजार में वीरानी छा गई हैं। अलग- अलग हिस्सों में बाजार बटने के कारण व्यापारियों के सामने काफी जीवनयापन की समस्याएं खड़ी हो गई है। फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पिछले 4 सालों से कछुए की गति से चल रहा है जो पूरा होने का नाम नहीं ले रहा। जिसकी निर्माण अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी हैं। वहीं कलेक्टर ने भी कई बार अधिकारियों को फटकार लगा चुके हैं किन्तु अधिकारियों के कानोंमें जू नहीं रेग रहीं। वहीं रेल्वे प्रशासन भी अपने क्षेत्र में हो रहे निर्माण पर ध्यान नहीं दे रहा। सोमवार को नगर के लोगो ने अनोखा प्रर्दशन करते हुए निर्माणाधीन फ्लाईओवर के नीचे अगरबत्ती जलाकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए शीघ्र निर्माण की मांग की। स्थानीय निवासियों ने लगातार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके कि फ्लाई ओवर की सौगात जल्दम मिले लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। निर्माण पिछले कई सालों में चालू कम बंद ज्यादा रहा है। जिससे नगर के व्यापारी काफी परेशान और गुस्से को दिखाने के लिए सोमवार को फ्लाईओवर के नीचे अगरबत्ती जलाकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए शीघ्र निर्माण की मांग की।
दो हिस्सों में बंटे अनूपपुर शहर को जोड़ने वाला रेलवे ओवरब्रिज अनूपपुर का निर्माण 16 अगस्त 2021 में 18 माह में हुआ पूर्ण करने के आश्वासन पर आरंभ हुआ। तैयारी लेकर सेतु निर्माण कार्य तीन साल बाद भी अधूरा पड़ा है। इसके निर्माण कार्य पूर्ण होने में अभी भी सालभर की समयावधि लगने की संभावना है। इसे पूर्ण होने को लेकर अब तक न तो ठेकेदार की ओर से और ना ही जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट जानकारी दी जा रही है। शहर की मुख्य कड़ी मार्ग कही जाने वाला यह मार्ग अब बारिश की बौछार में दलदली स्थल बन गया है। गत दिनों अपर कलेक्टर अमन वैष्णव ने निर्माणाधीन रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज कार्य का निरीक्षण किया तथा फ्लाईओवर कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने के संबंध में कार्य में तेजी लाने एवं ब्रिज निर्माण कार्य की वस्तुस्थिति एवं प्रगति की जानकारी प्रतिदिन प्रदान करने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी सेतु को दिए। वहीं कलेक्टर रेल अधिकारियों के साथ रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की समीक्षा भी कर चुके हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 अगस्त 2016 को आमसभा में ब्रिज निर्माण की घोषणा की थी। 14 दिसम्बर 2016 में ही प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान। यहां तक कि 8 मई 2017 को कार्यदिश जारी कर दिया था। यहां तक वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री ने खुद ही ओवरब्रिज निर्माण की आधारशिला रखी थी। जानकारी के अनुसार 12.01 करोड़ की लागत से 12-12 मीटर चौड़ाई और 462.44 मीटर का यह लम्बा पुल होगा। रेल पटरियों के उपर 56 मीटर लम्बी स्पॉन और ब्रिज में पिलर और आड़ीबॉल का भी उपयोग करते हुए 10 पिलर खड़े किए जाएंगे। दोनों छोर पर 50-50 मीटर लम्बी बीबीसी और 3-3 मीटर की चौड़ी सर्विस रोड प्रस्तावित है। लेकिन विभागीय व प्रशासकीय लापरवाही के कारण स्वीकृत ओवरब्रिज का निर्माण आज तक पूर्ण नहीं हो सका।