अस्पताल, होटल, मैरिज गार्डन में फायर सेफ्टी एनओसी न होने पर 28 पर लगा 77 लाख का जुर्माना
अनूपपुर
फायर सेफ्टी के निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित संस्थान और प्रतिष्ठानों के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा निर्दिष्ट कार्यवाही की जा रही है। मध्य प्रदेश शासन नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग द्वारा फायर सेफ्टी निर्देश के अनुपालन में नगर पालिका अनूपपुर क्षेत्रांतर्गत स्थित अस्पताल, होटल व मैरिज गार्डन संचालक को उनके होटल में फायर सेफ्टी प्लान , फायर सेफ्टी एनओसी एवं सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने तथा अपना पक्ष समर्थन किए जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनूपपुर के कार्यालय से सूचना पत्र जारी किया गया था। इस समयावधि में होटल संचालक द्वारा वांछित फायर सेफ्टी प्लान और एनओसी प्रस्तुत नहीं करने पर नगर पालिका परिषद् क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत पूर्व में सार्वजनिक भवन / संस्थान / होटल/हॉस्पिटल सहित 28 जगह निरीक्षण किया गया, जिसने संबंधित भवन/संस्थान/होटल/ हॉस्पिटल में फायर एनओसी प्लान, अग्नि सुरक्षा संबंधी मानक उपकरण एवं अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रमाण-पत्र नही पायें गयें। अनुविभागीय कार्यालय द्वारा पूर्व मे कार्यालयीन पत्र कमांक-16/अ-74/री.-2/फायर सेप्टी प्रकरण/24-25 अनूपपुर, दिनांक-24/00/24 से पूर्व में आपकों सूचित किया गया था, उक्त कृत्य के फलस्वरूप आपके विरुद्ध प्रहस्त निर्देशों के अनुपालन में जारी निर्देश के 2 माह बाद से 28 संस्थानों को (अर्थात 1 मार्च 2023 से 29 फरवरी 2024 तक) 366 दिन का 500 रू. प्रतिदिन के हिसाब से अर्थदण्ड 1 लाख 83 हजार एवं 1 वर्ष उपरांत 01 मार्च 2024 से 31 मई 2024 अर्थात 92 दिन का 1000 रुपए के हिसाब से 92 हजार अर्थात कुल अर्थदण्ड/जुर्माने की राशि 2 लाख 75 हजार रु. प्रति संस्थान को अधिरोपित किया गया है। जिसमे 28 संस्थानों को 2 लाख 75 हजार की हिसाब से 77 लाख का जुर्माना जमा करने का नोटिस जारी किया गया हैं। उक्त संबंध में इस कार्यालय में 24 घंटे के अन्दर उपस्थित होकर अपना पक्ष समर्थन सहित उक्त अधिरोपित जुर्माने की राति नगर पालिका परिषद् अनूपपुर में जमा कराते हुए चालान की प्रति इस कार्यालय में प्रस्तुत करें, अन्यथा की दशा में आपके सार्वजनिक संस्थान/ हॉस्पिटल के विरुद्ध एकपक्षीय कार्यचाही की जायेंगी, जिसके जवाबदार आप स्वयं होगे। जारी सर्कुलर के अनुसार अर्थदंड की राशि की गणना कर एक संस्थान को जुर्माना रुपए 2 लाख 75 हजार अधिरोपित किया गया। कुछ संस्थान के संचालक का कहना है कि इसके पहले विभाग के द्वारा न तो कोई भी सूचना पत्र प्राप्त नही हुआ हैं विभाग द्वारा बिना समय दिए एकतरफा कार्यवाही की गई है।